
Anant Singh (Photo- ANI)
बिहार चुनाव के बीच मोकामा की सियासत में अचानक बड़ा मोड़ आ गया है। जेडीयू प्रत्याशी और बाहुबली नेता अनंत सिंह को दुलारचंद यादव हत्याकांड में गिरफ्तार कर लिया गया है। शनिवार देर रात हुई गिरफ्तारी के बाद रविवार को उन्हें एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। करीब 77 दिन की रिहाई के बाद एक बार फिर अनंत सिंह बेऊर जेल की उसी कोठरी में पहुंचे हैं, जहां वे पहले भी महीनों तक बंद रहे थे।
रविवार शाम करीब 4 बजे अनंत सिंह को बेऊर जेल लाया गया। जेल प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए। उन्हें विशेष सुरक्षा वार्ड में दो अन्य आरोपियों के साथ रखा गया है। जेल अधीक्षक नीरज कुमार झा के अनुसार, “स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सोमवार को उन्हें दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया जा सकता है।”
जेल मैनुअल के अनुसार पहली रात उन्हें जेल की रूटीन रोटी-सब्जी दी गई, जिसे उन्होंने बिना किसी आपत्ति के खाया। मैनुअल के अनुसार जेल में सुबह के नाश्ते में रोटी, दाल, मौसमी सब्ज़ी. कभी-कभी पोहा या दलिया भी दिया जाता है. वहीं, दोपहर और रात के भोजन में चावल, दाल, रोटी, मौसमी सब्जी और कभी-कभी अचार भी दिया जाता है.
जेल प्रशासन ने फिलहाल किसी भी व्यक्ति को अनंत सिंह से मिलने की अनुमति नहीं दी है। उनके वार्ड के पास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। जेल मैनुअल के अनुसार, उन्हें कोई विशेष सुविधा या अतिरिक्त खाना नहीं दिया गया है। उनकी हर गतिविधि पर निगरानी रखी जा रही है।
शनिवार को आधी रात के समय पटना पुलिस की टीम करगिल मार्केट स्थित अनंत सिंह के आवास पर पहुंची। टीम की अगुवाई खुद एसएसपी कार्तिकेय शर्मा कर रहे थे। उस समय अनंत सिंह अपने समर्थकों के साथ बैठे थे। पुलिस ने जब कहा कि उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है, तो उन्होंने शांत स्वर में कहा, “जी चलित ही… लाओ रे, कपड़वा दे।” कपड़ा पहनने के बाद उन्होंने बिना किसी विरोध के गिरफ्तारी दी। उनके समर्थक लगातार नारे लगा रहे थे, लेकिन अनंत सिंह पूरे समय शांत बने रहे। पुलिस उन्हें लेकर थाने पहुंची, जहां रातभर उनसे पूछताछ होती रही। सुबह होते ही उन्हें एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें बेऊर जेल भेज दिया गया।
अनंत सिंह की गिरफ्तारी 30 अक्टूबर को मोकामा के बसावनचक में हुई हिंसक झड़प के मामले में की गई है। इस झड़प में 75 वर्षीय दुलारचंद यादव की मौत हो गई थी। यह घटना जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह और जन सुराज उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के समर्थकों के बीच भिड़ंत के दौरान हुई। पहले पत्थरबाजी और नारेबाजी हुई, फिर गोली चली, और अफरातफरी में एक थार गाड़ी दुलारचंद यादव पर चढ़ा दी गई, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में अनंत सिंह समेत कई लोगों पर हत्या और आचार संहिता उल्लंघन की धाराएं लगाईं।
गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद ही अनंत सिंह के सोशल मीडिया अकाउंट से एक पोस्ट सामने आई। जिसमें लिखा गया, “सत्यमेव जयते… मुझे मोकामा की जनता पर पूर्ण भरोसा है। अब चुनाव मोकामा की जनता लड़ेगी।”
अनंत सिंह इसी साल जनवरी 2025 में गोलीबारी कांड में जेल गए थे और 16 अगस्त को रिहा हुए थे। रिहाई के बाद उन्होंने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी थी, लेकिन अब सिर्फ 77 दिन बाद वे फिर जेल में हैं। पुलिस अब अनंत सिंह को चुनाव के बाद कस्टडी रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है ताकि उनसे दुलारचंद यादव हत्याकांड में पूछताछ की जा सके। हालांकि, उनके वकील ने कहा है कि गिरफ्तारी राजनीतिक दबाव में हुई है और वे जल्द ही जमानत के लिए आवेदन करेंगे।
गौरतलब है कि 6 नवंबर को मोकामा सीट पर मतदान होना है और प्रचार का आखिरी दिन 4 नवंबर तय है। अब उनकी गैरमौजूदगी में चुनाव प्रचार की कमान उनकी पत्नी और समर्थकों ने संभाल ली है। सूत्रों के मुताबिक, सोमवार को ललन सिंह मोकामा में रैली करेंगे और संभावना है कि सीएम नीतीश कुमार भी मंगलवार को चुनावी सभा करें।
Published on:
03 Nov 2025 11:45 am
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