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Pali News: पद्मश्री अर्जुनसिंह शेखावत का निधन, साहित्य जगत में शोक की लहर, कल निकाली जाएगी ​अंतिम यात्रा

पाली शहर के हाउसिंग बोर्ड स्थित निवास से शनिवार को निकाली जाएगी अंतिम यात्रा

पाली

Suresh Hemnani

Jul 18, 2025

Pali News : पद्मश्री अर्जुनसिंह का निधन, साहित्य जगत में शोक की लहर, कल निकाली जाएगी ​अंतिम यात्रा
पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित अर्जुनसिंह शेखावत का शुक्रवार को निधन हो गया। फाइल फोटो

Pali News : पाली शहर के हाउसिंग बोर्ड निवासी पद्मश्री अर्जुनसिंह शेखावत का शुक्रवार को निधन हो गया। राजस्थानी भाषा व साहित्य में उल्लेखनीय योगदान देने पर शेखावत को 87 वर्ष की आयु में 9 नवम्बर 2021 को पद्श्री से तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नवाजा था। शेखावत पहले विश्वयुद्ध के हेफा हीरो दलपतसिंह पड़पौत्र थे। उन्होंने 40 पुस्तकें लिखी। उनकी अंतिम यात्रा शनिवार सुबह 10 बजे निकाली जाएगी।

राजस्थान भाषा व साहित्य को जीवन समर्पित करने वाले शेखावत ने जीवन की शुरुआत एक शिक्षक के रूप में की थी। इसके बाद वे बीडीओ बने। इस बीच उनका साहित्य प्रेम बढ़ता गया। राजस्थानी भाषा और संस्कृति व आदिवासी जीवन पर लिखे साहित्य के कारण यह पुरस्कार मिला है। उन्होंने 40 पुस्तकें लिखी। कई पुस्तकों का अनुवाद और संपादन किया है। उनको राजस्थानी व हिन्दी के साथ ही गुजराती व आदिवासी भाषाओं का भी ज्ञान था।

अंतिम सांस तक किया संघर्ष

राजस्थानी भाषा से प्रेम करने वाले शेखावत ने अंतिम सांस तक राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए संघर्ष किया। शेखावत के पुत्र वीरेन्द्रसिंह शेखावत ने बताया कि पिता अर्जुनसिंह को साहित्य के लिए पद्मश्री के साथ ही कई पुरस्कार मिले। उनकी सबसे चर्चित पुस्तक भाखर रा भोमिया रही। यह पुस्तक यूएनओ से पुरस्कृत हुई।

शेखावत को मिले मुख्य सम्मान व उनका जीवन परिचय

जन्म: 4 फरवरी 1934, भादरलाऊ गांव में

शिक्षा: एमए, बीएड, साहित्यरत्न, आयुर्वेदरत्न, वैद्याचार्य आदि।

प्रधानाचार्य पद से सेवानिवृत: 29 फरवरी 1992

पहली रचना प्रजा सेवक वर्ष 1952 में प्रकाशित

राजस्थानी गद्य संग्रह पाठ्यक्रम में वर्ष 1993 व 2008 में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान में रचनाएं प्रकाशित।

साहित्य सेवी पुरस्कार: 1959

आर्च ऑफ एक्सीलेंसी अवार्ड अमरीका: 1994

अम्बेडकर फैलोशिप व मेडल: 1999 व 2007

राष्ट्रीय रत्न व भारत गौरव : 1999 व 2007

गौरी शंकर कमलेश राजस्थानी पुरस्कार : 2003

शिवचन्द्र भरतिया गद्य पुरस्कार : 2006

महेन्द्र जाजोदियापुरस्कार: 2007

यूनेस्को चेतना अवार्ड: 2007

अनुवाद पुरस्कार: 2009

सीताराम रूंगटा राजस्थानी साहित्य पुरस्कार: 2013