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ट्रंप की जीत अमरीका की राजनीति में बड़ा बदलाव

भारतवंशी डेमोक्रेट कमला हैरिस को बाइडन प्रशासन का हिस्सा होने का खमियाजा भी चुकाना पड़ा। जिन गुणों और मूल्यों का वह प्रतिनिधित्व करती रही थीं, बाइडन प्रशासन में आने के बाद उन पर धूल जमती चली गई।

Donald Trump
Donald Trump

अमरीका में रिपब्लिकन प्रत्याशी डॉनल्ड ट्रंप का सबको चकित करते हुए स्पष्ट बहुमत से राष्ट्रपति चुनाव जीतना कई मायनों में खास है। ‘स्विंग स्टेट’ की पहचान वाले राज्यों में भी ट्रंप और रिपब्लिकन पार्टी की बड़ी जीत अमरीका की राजनीति में बड़े बदलाव का प्रतीक है। इस बदलाव को मिशिगन के नतीजों से समझा जा सकता है, जहां अरब मूल के अमरीकियों की बड़ी आबादी निर्णायक भूमिका में है। यह राज्य धार्मिक अल्पसंख्यक मुस्लिम आबादी का प्रमुख गढ़ है। मिशिगन सहित सातों स्विंग स्टेट में मतदाताओं ने डेमोक्रेटिकपार्टी को स्पष्ट संकेत दे दिया है कि उदार और अभिजात्य वैचारिक दृष्टिकोण का असर जमीन पर भी नजर आना चाहिए।

डेमोक्रेटिक पार्टी के दुर्भाग्य से पिछले चार साल में राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन उन दृष्टिकोणों को अमलीजामा पहनाता हुआ नजर नहीं आया जिनका दावा वह करता रहा है। दुनिया में चल रहे दो-दो युद्धों (गाजा और यूक्रेन) को रोकने की दिशा में भी बाइडन निष्प्रभावी रहे। ट्रंप का सामान्यत: डेमोक्रेट समर्थक समझी जाने वाली अल्पसंख्यक आबादी को बड़ी संख्या में आकर्षित करना अमरीका की घरेलू राजनीति में बड़ा शिफ्ट है। भारतवंशी डेमोक्रेट कमला हैरिस को बाइडन प्रशासन का हिस्सा होने का खमियाजा भी चुकाना पड़ा। जिन गुणों और मूल्यों का वह प्रतिनिधित्व करती रही थीं, बाइडन प्रशासन में आने के बाद उन पर धूल जमती चली गई। मतदाताओं के इस सवाल का उनके पास कोई जवाब नहीं था कि जो वादे वह इस चुनाव में कर रही हैं, उन्होंने पिछले चार साल में उन वादों को क्यों नहीं निभाया। अमरीका के कथित आधुनिक समाज की जड़ों में मौजूद ‘वाइट सूप्रमेसी’ और पितृसत्तात्मकता की गांठें भी कमला के लिए कांटे साबित हुईं। भारतवंशियों का उन्हें समर्थन जरूर मिला, पर पाकिस्तानवंशी अमरीकी उनसे दूर छिटक गए। हां, यह चिंता का विषय होना चाहिए कि अमरीकी समाज में सर्वोच्च पद पर किसी महिला को विराजित करने में हिचक 235 साल बाद भी क्यों बरकरार है।

ट्रंप की यह जीत इसलिए भी विशेष है कि इस बार वह 2016 की तुलना में ज्यादा ताकत के साथ आए हैं। पिछले चुनाव के विपरीत इस बार ट्रंप ने इलेक्टोरल कॉलेज का तो विश्वास जीता ही है, बड़ी संख्या में रिपब्लिकन पार्टी के गवर्नर भी चुने गए हैं और सीनेट में भी पार्टी ने स्पष्ट बहुमत हासिल किया है। अमरीकी जनता ने बता दिया है कि अब कोई बहाना नहीं चलेगा। दुनिया में शांति लाने, अमरीका को फिर से महान बनाने, स्थानीय लोगों की आर्थिक हालत सुधारने, घुसपैठ रोकने और चीन की बढ़ती दादागीरी पर लगाम लगाने जैसे ट्रंप के कई वादे हकीकत में पूरे होते दिखने भी चाहिए।