रायपुर के स्कूलों में ऑपरेशन घंटी शुरू किया गया है। ऑपरेशन घंटी का मतलब स्कूल में हर दो घंटे में घंटी बजाई जाती है और विद्यार्थी अपने-अपने क्लास रूम में एक साथ पानी पीते हैं। जिला प्रशासन की इस अनूठी पहल का उद्देश्य बच्चों को डिहाइड्रेशन जैसी गंभीर समस्या से बचाना और एक नियमित अंतराल में पानी पीने की आदत विकसित करना है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक पानी की कमी से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित होता है। अक्सर ऐसा होता है कि स्कूलों में बच्चे बहुत कम पानी पीते हैं, क्योंकि उन्हें पानी पीना है, यह याद ही नहीं रहता। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वे पढ़ाई और दूसरी एक्टिविटिज में मशगूल रहते हैं। ऐसे में ऑपरेशन घंटी से उन्हें इन व्यस्तताओं के बीच पानी पीने की याद दिलाई जाती है। प्रशासन की यह पहल सराहनीय है। पिछले दिनों एक रोचक अध्ययन प्रकाशित हुआ था। यह अध्ययन लंदन की ब्रिटिश साइकोलॉजिकल सोसाइटी ने किया था। इस शोध के मुताबिक जो स्टूडेंट एग्जाम हॉल में पानी लेकर आते हैं, उनके अंक उन छात्रों की तुलना में लगभग 10 परसेंट अधिक होते हैं जो पानी लेकर नहीं आते। वहीं, लंदन विश्वविद्यालय ने भी इसी तरह का एक प्रयोग किया था। इसके तहत 9 साल के बच्चों को दो समूहों में बांटा गया था। एक समूह ने 250 मिलीलीटर पानी पीया और दूसरे समूह ने पानी नहीं पीया। 20 मिनट तक परीक्षा देने के बाद, जिन बच्चों ने पानी पीया, उनके अंक 34 परसेंट तक अधिक थे। इस शोध से वैज्ञानिकों का मानना था कि हाइड्रेटेड रहने यानी कि पर्याप्त पानी पीने से मस्तिष्क की कोशिकाएं ज़्यादा सुचारू रूप से काम करती हैं और बच्चों की सोचने की क्षमता बेहतर होती है। रायपुर जिला प्रशासन द्वारा शुरू किए गए 'ऑपरेशन घंटी' को विस्तार देते हुए छत्तीसगढ़ के सभी स्कूलों में लागू किया जाना चाहिए। साथ ही शिक्षकों को पानी की उचित मात्रा के संबंध में ट्रेनिंग दी जानी चाहिए। इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि बच्चे उम्र के हिसाब से जितना पानी पीना जरूरी है, उसी अनुपात में वे पानी पीएं। क्योंकि जरूरत से ज्यादा पानी पीने से फायदा नहीं, बल्कि शरीर को नुकसान होता है। -अनुपम राजीव राजवैद्य anupam.rajiv@epatrika.com
Updated on:
01 Aug 2025 01:49 am
Published on:
01 Aug 2025 01:48 am