Noida fake police office busted ministry documents six arrested: नोएडा पुलिस ने सेक्टर-70 में चल रहे एक फर्जी पुलिस कार्यालय का भंडाफोड़ किया है, जहां आरोपी खुद को ‘इंटरनेशनल पुलिस एंड क्राइम इंवेस्टीगेशन ब्यूरो’ का अधिकारी बताकर लोकसेवक की तरह व्यवहार कर रहे थे। पुलिस ने मौके से मंत्रालयों के दस्तावेज, आईडी कार्ड, मोहर, बोर्ड और नकदी समेत कई आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है। इस कार्रवाई में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जो सभी पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं।
पुलिस के अनुसार, यह कार्यालय हूबहू पुलिस के कार्यालय की तरह बनाया गया था। बाहर बड़े अक्षरों में ‘इंटरनेशनल पुलिस एंड क्राइम इंवेस्टीगेशन ब्यूरो’ लिखा हुआ बोर्ड लगा था। आरोपी दावा करते थे कि उनका एक ऑफिस यूनाइटेड किंगडम (UK) में भी है। वे लोगों को यह विश्वास दिलाते थे कि उनका संबंध इंटरपोल और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) जैसी संस्थाओं से है।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी अपनी वेबसाइट www.intlpcrib.in के जरिए लोगों से डोनेशन के नाम पर पैसा वसूल रहे थे। इस वेबसाइट पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रमाण पत्र भी दिखाए जाते थे, ताकि लोग आसानी से भरोसा कर लें।
डीसीपी सेंट्रल शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में वीरभूम के विभाष, अराग्य अधिकारी, समापदमल, पिंटूपाल, 24 परगना के बाबुल चंद्र मंडल और कोलकाता के अशीष कुमार शामिल हैं। इन सभी ने 4 जून को सेक्टर-70 में जगह किराए पर ली थी और 8 से 10 दिन पहले से यहां बोर्ड लगाकर ऑफिस चला रहे थे।
फेज-3 पुलिस की टीम ने छापेमारी के दौरान जनजातीय कार्य मंत्रालय, मिनिस्ट्री ऑफ आयुष और मिनिस्ट्री ऑफ सोशल जस्टिस एंड एंपावरमेंट के दस्तावेज, प्रेस आईडी, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग समेत कई संस्थाओं के कुल 9 आईडी कार्ड, 9 मोबाइल फोन, 17 स्टांप मोहर, 6 चेकबुक, पैन कार्ड, वोटर कार्ड, 6 डेबिट कार्ड, तीन प्रकार के विजिटिंग कार्ड, चार इंटरनेशनल पुलिस एंड क्राइम इंवेस्टीगेशन ब्यूरो लिखे बोर्ड, 42,300 रुपये नकद और अन्य दस्तावेज बरामद किए।
पुलिस के मुताबिक, आरोपी पहले भी पश्चिम बंगाल में ऐसा फर्जी पुलिस कार्यालय चला चुके हैं। उनके पुराने आपराधिक रिकॉर्ड की जांच की जा रही है। साथ ही, इनके चार बैंक खातों का विवरण निकाला जा रहा है और वित्तीय लेनदेन की गहन जांच जारी है।
नोएडा कमिश्नरेट पुलिस के साथ अन्य एजेंसियां भी इस मामले में सक्रिय हो गई हैं, क्योंकि संदिग्ध कार्यशैली और मंत्रालय से जुड़े फर्जी दस्तावेज राष्ट्रीय स्तर पर गंभीर सुरक्षा खतरा पैदा कर सकते हैं।
Published on:
11 Aug 2025 07:57 am