राजस्थान स्टोन क्रशर एसोसिएशन एवं चुनाई पत्थर एसोसिएशन की राज्यव्यापी हड़ताल रविवार को 17वें दिन भी जारी रही। आंदोलनकारियों ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए आंदोलन और उग्र करने की चेतावनी दी है। अब तक उद्योग को 7 हजार करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो चुका है, वहीं 14.30 लाख से अधिक श्रमिक सीधे प्रभावित हुए हैं। भीलवाड़ा जिले में अब तक 10 करोड़ से अधिक का आर्थिक नुकसान हो चुका है। निर्माण कार्य भी पूरी तरह से ठप हो चुके है।
लाखों लोगों पर पड़ा असर
हड़ताल के चलते न केवल खनन और क्रशर मजदूर बल्कि इनके सहारे जीविका चलाने वाले परिवार भी संकट में आ गए हैं। प्रदेश में लाखों लोगों पर रोजी-रोटी के संकट खड़ा हो गया है। भीलवाड़ा जिले में बिजौलिया, करेड़ा, आसीन्द, जहाजपुर, रायपुर-सहाड़ा समेत अन्य क्षेत्र में 50 हजार से अधिक मजदूर बेरोजगार हो गए है।
निर्माण कार्य पूरी तरह ठप
हड़ताल से सीमेंट, स्टील, हार्डवेयर, प्लंबिंग और ट्रांसपोर्ट कारोबार प्रभावित हुआ है। बजरी ट्रक ऑपरेटर और बिल्डर्स संगठन ने भी आंदोलन को समर्थन दिया। सभी सरकारी और निजी निर्माण प्रोजेक्ट ठप पड़े। निर्माण सामग्री के दाम 3 से 4 गुना तक बढ़ गए। हड़ताल को स्टोन क्रशर यूनियन, चेजा पत्थर यूनियन, बजरी ट्रक संगठन, पीडब्ल्यूडी संवेदक, ग्रेनाइट व मार्बल एसोसिएशन समर्थन दे रहे है।
आंदोलन की अगली कड़ी
भीलवाड़ा क्रशर एवं चेजा पत्थर खनन संघ अध्यक्ष अनिल सोनी ने बताया कि मंगलवार को जयपुर में धरना-प्रदर्शन की तैयारी की जा रही है। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने समाधान नहीं निकाला तो आंदोलन और उग्र किया जाएगा। हड़ताल के कारण सभी मशीनरी ठप पड़ी है। मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है। निर्माण लागत 10 से 20 प्रतिशत बढ गई।
Published on:
18 Aug 2025 08:58 am