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मार्टिन लूथर किंग जूनियर को बदनाम करने की कोशिश की थी एफबीआइ ने

ट्रंप प्रशासन: हत्या से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक कीं वॉशिंगटन. अमरीका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के प्रशासन ने नागरिक अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले नेता मार्टिन लूथर किंग जूनियर की हत्या से जुड़ी 2.3 लाख से अधिक पृष्ठों की गोपनीय फाइलें सार्वजनिक कर दी हैं। इनमें एफबीआइ और सीआइए के आंतरिक मेमो, जासूसी दस्तावेज और पहले […]

जयपुर

Nitin Kumar

Jul 24, 2025

ट्रंप प्रशासन: हत्या से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक कीं

वॉशिंगटन. अमरीका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के प्रशासन ने नागरिक अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले नेता मार्टिन लूथर किंग जूनियर की हत्या से जुड़ी 2.3 लाख से अधिक पृष्ठों की गोपनीय फाइलें सार्वजनिक कर दी हैं। इनमें एफबीआइ और सीआइए के आंतरिक मेमो, जासूसी दस्तावेज और पहले कभी सामने न आए रिकॉर्ड शामिल हैं। ये दस्तावेज नेशनल आर्काइव्स की वेबसाइट पर जारी किए गए हैं। कोर्ट के आदेश के तहत 1977 से ही इन दस्तावेजों को सार्वजनिक रूप से देखने पर प्रतिबंध लागू था।

किंग की 39 वर्ष की आयु में 4 अप्रेल 1968 को मेम्फिस, टेनेसी में हत्या हुई थी। हत्या के आरोपी जेम्स अर्ल रे ने अपराध कबूल किया था, लेकिन बाद में पलट गया। वह 1998 में जेल में मारा गया था। एफबीआइ ने 1950 और 60 के दशक में किंग की जासूसी की, उनके फोन टेप किए और उन्हें बदनाम करने की कोशिश की। एफबीआइ प्रमुख जे. एडगर हूवर के नेतृत्व में यह 'डिसइनफॉर्मेशन और निगरानी अभियान' अत्यंत आक्रामक, व्यक्तिगत और अवैध था। हाल के वर्षों में एफबीआइ ने अपने इतिहास के उस दौर और घटनाक्रम को 'शक्तियों के दुरुपयोग और अतिरेक' के तौर पर स्वीकार भी किया है।

किंग के परिवार ने फाइलों के दुरुपयोग की निंदा की है और अपील की है कि इन्हें 'संवेदनशीलता, संयम और सम्मान' के साथ देखा जाए। उन्होंने 1999 के उस मुकदमे का भी हवाला दिया जिसमें एक अमरीकी जूरी ने किंग की हत्या को सरकारी एजेंसियों सहित कई लोगों की साजिश करार दिया था। ट्रंप की आलोचना कर रहे नागरिक अधिकार कार्यकर्ता अल शार्प्टन ने इस रिलीज को जेफरी एपस्टीन फाइलों से ध्यान भटकाने की कोशिश बताया। वहीं, किंग की भतीजी अलवेदा किंग ने इसे 'सच्चाई की दिशा में ऐतिहासिक कदम' करार दिया।