नरसिंहपुर। शहर के कामथ और भगत सिंह वार्ड की पांच कॉलोनियों सिद्धेश्वर, यादव कॉलोनी, गोकुल नगर, वर्धमान सिटी और निगम कॉलोनी के लोग रोड से बेहाल हैं। शहर की यह इकलौती ऐसी रोड है जहां गड्ढों की संख्या रोड की लंबाई से भी अधिक है। महज 500 मीटर हिस्से में करीब एक हजार गड्ढे मौजूद हैं। हालत यह है कि कई जगह तो सडक़ का नामोनिशान ही गायब हो चुका है।
यादव कॉलोनी गोकुल नगर और वर्धमान सिटी को जोडऩे वाला करीब तीन सौ मीटर का मुख्य मार्ग अब तक नहीं बन सका। इन कॉलोनियों का विकास वर्ष 1996 से शुरू हुआ था और आज यहां लगभग पांच हजार लोग रहते हैं। कई बार स्थानीय नागरिकों ने नगरपालिका और जनप्रतिनिधियों से सडक़ निर्माण की मांग की। मगर 29 साल बीत जाने के बाद भी वादा हकीकत में नहीं बदल पाया।
जनप्रतिनिधियों का कहना है कि रोड के ऊपर से हाईटेंशन लाइन गुजरने के कारण निर्माण की अनुमति नहीं मिल रही है और लाइन को शिफ्ट करने की कोई गुंजाइश नहीं है। नतीजतन, बरसात के मौसम में इस सडक़ से दोपहिया या चारपहिया वाहन निकालना बेहद जोखिम भरा हो गया है। रोजाना गिरने और चोटिल होने की घटनाएं आम हैं।
जरजोला रोड भी लावारिस
कामथ और भगत सिंह वार्ड से गुजरने वाली जरजोला रोड का निर्माण 15 साल पहले प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना से हुआ था। लेकिन अब यह सडक़ अनाथ हो चुकी है। यादव कॉलोनी तिराहा से अष्टांग चौराहा तक 500 मीटर का हिस्सा जानलेवा गड्ढों से भरा है। योजना विभाग इसे नगरपालिका के हवाले करना चाहता है जबकि वित्तीय संकट से जूझ रही नगरपालिका इसे अपने जिम्मे लेने से इनकार कर रही है। नतीजतन, इस मार्ग से जुड़ी आधा दर्जन कॉलोनियों और जरजोला पंचायत की करीब 10 हजार की आबादी परेशान है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस सडक़ को लेकर कई बार प्रदर्शन हो चुके हैं। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई तो की गई। मगर सडक़ और नालियों का निर्माण अब तक नहीं हुआ। क्षेत्र के नागरिक कलेक्टर को आवेदन देकर जल्द से जल्द सडक़ निर्माण कराने की मांग भी कर चुके हैं। बता दें यादव कॉलोनी और गोकुल नगर जैसी पॉश कॉलोनियों में बसाहट शुरू हुए ढाई दशक से ज्यादा हो चुका है, लेकिन मुख्य सडक़ अब तक पक्की नहीं हो पाई। अंदरूनी सडक़ों का निर्माण हो चुका है, पर मुख्य मार्ग आज भी कच्चा है। बारिश में यहां घुटनों तक पानी भर जाता है और गड्ढों की वजह से आवागमन और भी खतरनाक हो जाता है।
नरसिंहपुर। शहर के कामथ और भगत सिंह वार्ड की पांच कॉलोनियों सिद्धेश्वर, यादव कॉलोनी, गोकुल नगर, वर्धमान सिटी और निगम कॉलोनी के लोग रोड से बेहाल हैं। शहर की यह इकलौती ऐसी रोड है जहां गड्ढों की संख्या रोड की लंबाई से भी अधिक है। महज 500 मीटर हिस्से में करीब एक हजार गड्ढे मौजूद हैं। हालत यह है कि कई जगह तो सडक़ का नामोनिशान ही गायब हो चुका है।
यादव कॉलोनी गोकुल नगर और वर्धमान सिटी को जोडऩे वाला करीब तीन सौ मीटर का मुख्य मार्ग अब तक नहीं बन सका। इन कॉलोनियों का विकास वर्ष 1996 से शुरू हुआ था और आज यहां लगभग पांच हजार लोग रहते हैं। कई बार स्थानीय नागरिकों ने नगरपालिका और जनप्रतिनिधियों से सडक़ निर्माण की मांग की। मगर 29 साल बीत जाने के बाद भी वादा हकीकत में नहीं बदल पाया।
जनप्रतिनिधियों का कहना है कि रोड के ऊपर से हाईटेंशन लाइन गुजरने के कारण निर्माण की अनुमति नहीं मिल रही है और लाइन को शिफ्ट करने की कोई गुंजाइश नहीं है। नतीजतन, बरसात के मौसम में इस सडक़ से दोपहिया या चारपहिया वाहन निकालना बेहद जोखिम भरा हो गया है। रोजाना गिरने और चोटिल होने की घटनाएं आम हैं।
जरजोला रोड भी लावारिस
कामथ और भगत सिंह वार्ड से गुजरने वाली जरजोला रोड का निर्माण 15 साल पहले प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना से हुआ था। लेकिन अब यह सडक़ अनाथ हो चुकी है। यादव कॉलोनी तिराहा से अष्टांग चौराहा तक 500 मीटर का हिस्सा जानलेवा गड्ढों से भरा है। योजना विभाग इसे नगरपालिका के हवाले करना चाहता है जबकि वित्तीय संकट से जूझ रही नगरपालिका इसे अपने जिम्मे लेने से इनकार कर रही है। नतीजतन, इस मार्ग से जुड़ी आधा दर्जन कॉलोनियों और जरजोला पंचायत की करीब 10 हजार की आबादी परेशान है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस सडक़ को लेकर कई बार प्रदर्शन हो चुके हैं। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई तो की गई। मगर सडक़ और नालियों का निर्माण अब तक नहीं हुआ। क्षेत्र के नागरिक कलेक्टर को आवेदन देकर जल्द से जल्द सडक़ निर्माण कराने की मांग भी कर चुके हैं। बता दें यादव कॉलोनी और गोकुल नगर जैसी पॉश कॉलोनियों में बसाहट शुरू हुए ढाई दशक से ज्यादा हो चुका है, लेकिन मुख्य सडक़ अब तक पक्की नहीं हो पाई। अंदरूनी सडक़ों का निर्माण हो चुका है, पर मुख्य मार्ग आज भी कच्चा है। बारिश में यहां घुटनों तक पानी भर जाता है और गड्ढों की वजह से आवागमन और भी खतरनाक हो जाता है।
Published on:
24 Aug 2025 04:23 pm