भीलवाड़ा शहर से सटे क्षेत्र कई राजकीय विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था जर्जर भवनों और कमरों की कमी के कारण बुरी तरह प्रभावित हो रही। ओड़ों का खेड़ा और हरणी कलां स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ने के बावजूद संसाधनों का अभाव बना है। यह स्थिति तब सामने आई जब प्रदेश में जर्जर कक्षा-कक्ष को सील कर दिए गए है। कमोबेश यह हाल शहर के ही नहीं बल्कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के हालात भी बुरे है। स्थिति यह है कि कई स्कूलों में बच्चों के बैठने की जगह नहीं है। स्कूल परिसर के मैदान कक्षाकक्ष बन गए है। राजस्थान पत्रिका टीम ने शनिवार को शहर की कुछ स्कूलों की जायजा लिया तो िस्थति चौकाने वाली थी।
ओड़ों का खेड़ा: चार में से तीन कमरे सील
ओड़ों का खेड़ा स्कूल में 106 छात्रों का नामांकन है। यहां चार में से तीन कमरे जर्जर होने से सील कर दिए। एक ही शिक्षक कार्यरत है जबकि दूसरा प्रतिनियुक्ति पर है। बच्चों को खुले आसमान में पढ़ाया जा रहा। यहां पढाई के नाम पर महज हाजरी हो रही है। भवन भी सुरक्षित नहीं है।
हरणीकलां: दो पारी में संचालन का प्रस्ताव
हरणी कलां के उच्च माध्यमिक विद्यालय में 12 में से पांच कमरे सील हैं। शेष सात कमरों में कक्षा 1 से 11 तक के 320 बच्चों की पढ़ाई हो रही है। कई कक्षाएं मैदान में संचालित हो रही। प्रधानाचार्य विजय गुप्ता ने बताया कि विद्यालय को दो पारी में संचालित करने का प्रस्ताव भेजा है। यदि स्वीकृति मिलती है तो पढ़ाई की स्थिति में सुधार होगा। स्कूल में कुल 15 शिक्षक हैं, जिससे दो पारी में संचालन संभव हो सकेगा।
शास्त्रीनगर विद्यालय सामुदायिक भवन में होगा शिफ्ट
सुवाणा सीबीईओ रामेश्वर प्रसाद जीनगर ने बताया कि शास्त्रीनगर टेम्पो स्टैंड के पास महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में छह कमरे सील के बाद पूरी स्कूल को अब्दुल मौलाना कलाम सामुदायिक भवन में शिफ्ट किया जाएगा। भोपालपुरा रोड स्थित मोहम्मदी कॉलोनी स्कूल में चल रही तीन स्कूलों को भी अलग-अलग स्थान पर करने के लिए सामुदायिक भवन में शिफ्ट किया जा रहा है। इसमें तीन स्कूल के छात्र एक साथ पढ़ रहे है। उन्होंने बताया कि नाथद्वारा सराय स्कूल (काशीपुरी) में पर्याप्त मात्रा में स्टॉफ है। फिर भी शिक्षकों की संख्या बढाने के प्रयास किए जा रहे है।
Published on:
03 Aug 2025 08:55 am