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‘कभी भी किसी से वह करने के लिए मत कहो, जो खुद न कर सको’

चर्चा में चेहराः शैलेश जेजुरिकर विश्व की प्रमुख कंज्यूमर प्रोडक्ट कंपनी पीएंडजी ने भारतीय मूल के शैलेश जेजुरिकर को अपना अगला सीईओ नियुक्त किया है। जनवरी 2026 से वह यह पद संभालेंगे। यह जिम्मेदारी ऐसे समय में मिली है जब कंपनी वैश्विक व्यापारिक अस्थिरता और उपभोक्ता मांग में उतार-चढ़ाव से जूझ रही है। मुंबई में […]

जयपुर

Nitin Kumar

Aug 03, 2025

चर्चा में चेहराः शैलेश जेजुरिकर

विश्व की प्रमुख कंज्यूमर प्रोडक्ट कंपनी पीएंडजी ने भारतीय मूल के शैलेश जेजुरिकर को अपना अगला सीईओ नियुक्त किया है। जनवरी 2026 से वह यह पद संभालेंगे। यह जिम्मेदारी ऐसे समय में मिली है जब कंपनी वैश्विक व्यापारिक अस्थिरता और उपभोक्ता मांग में उतार-चढ़ाव से जूझ रही है।

मुंबई में जन्म, हैदराबाद में शिक्षा

58 वर्षीय शैलेश जेजुरिकर का जन्म मुंबई में हुआ। उन्होंने हैदराबाद पब्लिक स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा ली, जहां वे माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला के सहपाठी थे। स्नातक की डिग्री मुंबई यूनिवर्सिटी के एल्फिंस्टन कॉलेज से ली और फिर आइआइएम लखनऊ से एमबीए किया।

सीखा जीवन का सबक, जब थे हैड बॉय

शैलेश जेजुरिकर ने हैदराबाद में आठवीं कक्षा में प्रवेश लिया और हॉस्टल जीवन शुरू किया। क्रिकेट के शौकीन जेजुरिकर को 12वीं में स्कूल का हैड बॉय भी बनाया गया। एक दिन वह सुबह उठने के बाद दूसरों के बेड और कमरे जांचते हुए भूल गए कि उन्होंने खुद उठने के बाद अपना बेड व्यवस्थित नहीं किया था। उनके रसायन विज्ञान शिक्षक ने बिना कुछ कहे उनका बेड ठीक कर दिया था और इस बारे में जेजुरिकर से एक शब्द भी नहीं कहा था। इस अनुभव से उन्होंने आजीवन याद रखने वाला सबक सीखा — कभी भी किसी से वह करने के लिए मत कहो, जो खुद न कर सको।

करियर की शुरुआत भारत से

1989 में आइआइएम से एमबीए के बाद उन्होंने पीएंडजी में भारत में असिस्टेंट ब्रांड मैनेजर के रूप में करियर की शुरुआत की। शुरुआत से ही वे नेतृत्व क्षमता और रणनीतिक सोच के लिए पहचाने गए और जल्द ही वैश्विक संचालन में अहम भूमिका निभाने लगे।

पीएंडजी में नेतृत्व की ऊंचाइयां

पीएंडजी में तीन दशक के दौरान वह फैब्रिक एंड होम केयर जैसे बड़े डिवीजनों का नेतृत्व कर चुके हैं, जो कंपनी की एक-तिहाई आय का आधार हैं। उन्होंने यूएस, यूरोप, एशिया और दक्षिण अमरीका में ब्रांड्स को सफलतापूर्वक स्थापित किया। 2021 में वह सीओओ बने।

एक भारतीय चेहरा, वैश्विक जिम्मेदारी

अब सीईओ के रूप में वह कंपनी की रणनीतियों, तकनीक, आपूर्ति शृंखला और सस्टेनेबिलिटी के लक्ष्यों को आगे ले जाएंगे। उनके भाई राजेश जेजुरिकर महिंद्रा ग्रुप में टॉप एक्जीक्यूटिव हैं। परिवार और देश के लिए यह एक गौरवपूर्ण उपलब्धि है।