यूरोप: शीर्ष मानवाधिकार अदालत ने पाया
स्ट्रासबर्ग (फ्रांस). यूरोप की शीर्ष मानवाधिकार अदालत (ईसीएचआर) ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा है कि 17 जुलाई 2014 को मलेशिया एयरलाइंस की फ्लाइट एमएच17 को मार गिराने के पीछे रूस का हाथ है। इस हादसे में सभी 283 यात्री और 15 क्रू सदस्य मारे गए थे। अदालत ने माना कि पूर्वी यूक्रेन के मास्को समर्थक विद्रोहियों के नियंत्रण वाले क्षेत्र से रूस निर्मित बीयूके मिसाइल के जरिए विमान को जानबूझकर निशाना बनाया गया था। अदालत ने कहा, इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि ऐसा निशाना बनाए गए विमान को सैन्य विमान समझने की भूल के चलते किया गया।
अदालत ने एमएच17 मामले में रूस की ओर से विमान मार गिराने में भूमिका स्वीकार न किए जाने को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया। अदालत के फैसले में कहा गया कि मामले की उचित जांच करने में मास्को की विफलता ने मृतकों के रिश्तेदारों और मित्रों की 'पीड़ा को बहुत बढ़ा दिया।' इसके साथ ही अदालत ने यूक्रेन और नीदरलैंड द्वारा दायर तीन अन्य मामलों में भी रूस को दोषी पाया, जिनमें हत्या, बलात्कार, यातना, नागरिक ढांचे को नष्ट करना और बच्चों का अपहरण जैसे गंभीर आरोप थे। ईसीएचआर प्रेसीडेंट जज मैटियास गुयोमार ने कहा कि युद्ध के दौरान बलात्कार को हथियार की तरह इस्तेमाल करना अमानवीय अत्याचार है। रूस ने ईसीएचआर के फैसले को खारिज करते हुए कहा, 'हम इसे नहीं मानते, हमारे लिए यह कुछ नहीं है।' यूक्रेन ने फैसले को ऐतिहासिक जीत बताया। अदालत मुआवजे पर रूस के खिलाफ फैसला बाद में सुनाएगी, पर फैसले से रूस के किनारा करने के कारण इस बात की उम्मीद ना के बराबर है कि मुआवजे की राशि कभी वसूली जा सकेगी।
Published on:
13 Jul 2025 12:07 am