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राजस्थान में नाइट टूरिज्म का नया डेस्टिनेशन हब बन रहा जैसलमेर

रेगिस्तानी हवाओं और सुनहरी धरोहरों के लिए पहचाने जाने वाला जैसलमेर अब राजस्थान में नाइट टूरिज्म का नया डेस्टिनेशन हब बनकर उभर रहा है।

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रेगिस्तानी हवाओं और सुनहरी धरोहरों के लिए पहचाने जाने वाला जैसलमेर अब राजस्थान में नाइट टूरिज्म का नया डेस्टिनेशन हब बनकर उभर रहा है। पिछले एक साल में यहां रात के समय पर्यटन में बढ़ोतरी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले एक साल में कई नए प्रोजेक्ट पूरे होने से शहर की रातें और भी जीवंत हो जाएंगी।

साथ ही रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ेंगे। खासकर युवा और विदेशी पर्यटक दिन की गर्मी से बचते हुए रात के समय शहर की ऐतिहासिक गलियों में घूमना पसंद कर रहे हैं। गड़ीसर सरोवर जो कभी सिर्फ दिन के समय सैलानियों का ठिकाना माना जाता था, अब रात्रिकालीन पर्यटन का सबसे आकर्षक केन्द्र बन गया है। इन दिनों यहां रोजाना पांच सौ से अधिक देशी-विदेशी पर्यटक पहुंच रहे हैं। शाम के समय गड़ीसर क्षेत्र में खाने-पीने के ठेलों, आर्टिफिशियल ज्वैलरी, राजस्थानी परिधानों और अन्य वस्तुओं की अस्थायी दुकानें लगती हैं, जहां सैलानी खरीदारी करते नजर आते हैं। नगरपरिषद की ओर से लगाए गए आकर्षक फोटो पॉइंट पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं। ऐतिहासिक टीलों की प्रोल से होकर होने वाला नौकायन रात के समय सैलानियों को रोमांच और सुकून दोनों देता है।

सोनार किले का नया सौंदर्य

च्प्रोजेक्ट सोनारज् के तहत किले के चारों ओर पाथवे बनाया जा रहा है। यहां नो-व्हीकल जोन की योजना है, जिससे पर्यटक पैदल ही ऐतिहासिक धरोहरों का आनंद ले सकेंगे। साथ ही हेरिटेज लाइटिंग से रात में किले की भव्यता पहले से कहीं ज्यादा निखरकर सामने आएगी।

गड़ीसर प्रोजेक्ट

गड़ीसर सरोवर पर 66 करोड़ रुपए का बड़ा प्रोजेक्ट चल रहा है। पहले चरण में 22 करोड़ से काम हो रहे हैं। सरोवर की पाल को चौड़ा किया गया है और सौंदर्यीकरण कर इसे नाइट टूरिज्म का प्रमुख केन्द्र बनाया गया है। यहां लाइट एंड साउंड शो, नौकायन और सांस्कृतिक कार्यक्रम पर्यटकों को नया अनुभव दे रहें है।

फूड चैन और कल्चरल प्रोग्राम

स्थानीय खानपान के साथ-साथ नामी फूड चैन को भी जैसलमेर लाने की कवायद चल रही है। रात में सैलानियों के लिए नियमित कल्चरल प्रोग्राम और लोक संगीत की प्रस्तुतियों की योजना है। इससे नाइट टूरिज्म का आकर्षण और बढ़ेगा।

रोजगार और अर्थव्यवस्था

नाइट टूरिज्म से जैसलमेर में अभी तक करीब एक हजार लोगों को रोजगार मिल रहा है। नौका संचालन, रेस्तरां, लोक कलाकार, गाइड और होटल कारोबारियों को इसका सीधा फायदा हो रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार नाइट टूरिज्म से शहर की अर्थव्यवस्था में डेढ़ गुना वृद्धि हो सकती है।

संग्रहालय: जैसलमेर में चार प्रमुख संग्रहालय अभी शाम 5-6 बजे तक ही खुलते हैं। इनका समय बढ़ाकर रात 8-9 बजे तक किया जाए।
पर्यटक :

  • 12 लाख पिछले साल आए जैसलमेर
  • 15 लाख सैलानी इस साल आने का अनुमानजैसलमेर में किले और गड़ीसर तालाब को लेकर कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं। अगले साल तक इनके पूरा होने की उम्मीद है। इससे नाइट टूरिज्म बढ़ेगा। नाइट टूरिज्म को बढ़ाने के लिए यहां कल्चरल प्रोग्राम कराएं जाएं, फूड चैन खोली जाए और संग्रहालयों का समय बढ़ाया जाए।
  • कमलेश्वर सिंह, सहायक निदेशक, पर्यटन स्वागत केंद्र, जैसलमेरऔर करने होंगे प्रयास

विशेषज्ञों का मानना है कि जैसलमेर में नाइट टूरिज्म को और प्रभावी बनाने के लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं:

  • रेगिस्तानी सफारी का नाइट वर्जन: सितारों के नीचे ऊंट सफारी और कैंपिंग को व्यवस्थित रूप से विकसित किया जाए।
  • स्ट्रीट फेस्टिवल्स और नाइट बाजार : सप्ताहांत पर थीम आधारित नाइट बाजार, जहां लोक कला, संगीत और राजस्थानी खानपान को बढ़ावा मिले।
  • सुरक्षा और सुविधाएं: रोशनी, शौचालय, पार्किंग और पुलिस गश्त की व्यवस्था बढ़ाकर पर्यटकों का भरोसा मजबूत किया जाए।
  • नाइट फोटोग्राफी और हेरिटेज वॉक: प्रशिक्षित गाइड्स के साथ कैमरा वॉक, जहां सैलानी ऐतिहासिक धरोहरों को अलग नजर से देख सकें।
  • इंटरनेशनल प्रमोशन: जैसलमेर के नाइट टूरिज्म को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांड किया जाए।