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रेत के समंदर में ड्रोन युद्धकला में आत्मनिर्भरता का प्रदर्शन

राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्र में सप्त शक्ति कमान की चेतक कोर ने क्षमता संवर्धन प्रदर्शन के माध्यम से भारतीय सेना की तकनीकी दक्षता और नवाचार को प्रस्तुत किया।

जैसलमेर. रेगिस्तानी क्षेत्र में सेना की तकनीकी दक्षता व नवाचार का अवलोकन करते सैन्य अधिकारी।

राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्र में सप्त शक्ति कमान की चेतक कोर ने क्षमता संवर्धन प्रदर्शन के माध्यम से भारतीय सेना की तकनीकी दक्षता और नवाचार को प्रस्तुत किया। इस आयोजन का उद्देश्य भविष्य के युद्ध परिदृश्यों के लिए तैयारियों को परखना और तकनीकी प्रभुत्व को मजबूती देना था।
प्रदर्शन के दौरान ड्रोन युद्धकला से जुड़ी निगरानी, सशस्त्र और कामिकेज़ वेरिएंट क्षमताओं का सफल परीक्षण हुआ। साथ ही, ड्रोन रोधी अभियानों में विकसित नवीनतम उच्च-तकनीकी उपायों का प्रभावी प्रदर्शन किया गया। गहन इलेक्ट्रॉनिक युद्ध वातावरण में वायु क्षेत्र संचालन कौशल का भी परीक्षण हुआ, जिसमें सेना की तत्परता और सामरिक क्षमता सामने आई। आर्मी कमांडर मनजिंदर सिंह ने पूरे प्रदर्शन का अवलोकन करते हुए सेना की आंतरिक क्षमताओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि भविष्य के युद्धों में तकनीकी कुशलता निर्णायक होगी और सेना को विध्वंसकारी तकनीकों का लाभ उठाना होगा। उन्होंने प्रतिभागियों की कर्तव्यनिष्ठा की प्रशंसा करते हुए परिचालन तैयारियों के उच्चतम मानकों को बनाए रखने का आह्वान किया। इस दौरान अवगत कराया गया कि ड्रोन युद्धकला में आत्मनिर्भरता न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती देती है, बल्कि विषम युद्ध परिस्थितियों में सेना को रणनीतिक बढ़त भी दिलाती है।