Andhra Pradesh तिरुपति. आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री नारा चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति में अलीपीरी-चेरलोपल्ली रोड के किनारे और शेषचलम पहाडिय़ों के करीब स्थित मुमताज होटल, देवलोक और अन्य निजी क्षेत्र की परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटन रद्द कर दिया।
नायडू ने कहा कि इस क्षेत्र की आध्यात्मिक पवित्रता की रक्षा करने की आवश्यकता है। सरकार ने इस आदेश के माध्यम से नवंबर 2024 में पुनर्गठित तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ट्रस्ट बोर्ड के प्रस्ताव की पुष्टि की, जिसमें 35.32 एकड़ में फैली इन परियोजनाओं के लिए अनुमति रद्द करने की सिफारिश की गई थी।
तिरुमाला में इसकी घोषणा करते हुए नायडू ने कहा कि किसी को भी इस पवित्र भूमि का व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए उपयोग नहीं करना चाहिए और ना ही आसपास के वातावरण को अपवित्र नहीं करना चाहिए। हमने अतीत में भी तिरुमाला की रक्षा के लिए प्रयास किए हैं। यह कदम उसी प्रतिबद्धता का हिस्सा है।
मुख्यमंत्री ने टीटीडी कर्मचारियों से भगवान वेंकटेश्वर के निवास की पवित्रता को बनाए रखने और व्यक्तिगत हितों को छोडक़र मंदिर की सेवा करने का आह्वान किया। उन्होंने दोहराया कि टीटीडी में केवल हिंदुओं को ही नियुक्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि गैर-हिंदू वर्तमान में टीटीडी में कार्यरत हैं, तो उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाए बिना उन्हें सम्मानपूर्वक अन्य भूमिकाओं में नियुक्त किया जाएगा।
मंदिर की संपत्तियों की सुरक्षा पर जोर देते हुए नायडू ने मंदिर की भूमि पर अतिक्रमण करने के प्रयासों के खिलाफ चेतावनी दी।
मंदिर विस्तार की अपनी योजनाओं को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि एक नया ट्रस्ट राज्य भर के गांवों में श्री वेंकटेश्वर मंदिरों के निर्माण के लिए धन जुटाएगा। उन्होंने कहा कि अन्नदानम योजना एनटी रामाराव द्वारा शुरू की गई थी और प्राणदानम योजना मेरे पिछले कार्यकाल के दौरान शुरू की गई थी। अब, हम एक तीसरी पहल शुरू कर रहे हैं - एक समर्पित ट्रस्ट के माध्यम से श्रीवारी मंदिरों का निर्माण।
नायडू ने दुनिया भर के हिंदू आबादी वाले सभी राज्यों की राजधानियों और शहरों में वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर स्थापित करने की योजना का भी खुलासा किया। उन्होंने कहा कि हम सभी मुख्यमंत्रियों को समर्थन के लिए पत्र लिखेंगे।
अपने अतीत को याद करते हुए सीएम ने एक हत्या के प्रयास को याद किया और अपने बचने का श्रेय ईश्वरीय कृपा को दिया। उन्होंने कहा कि जब मैंने प्राणदानम योजना शुरू की, तो मेरे खिलाफ 24 क्लेमोर माइंस विस्फोट किए गए। अगर वे सभी विस्फोट हो जाते, तो मैं बच नहीं पाता। यह केवल वेंकटेश्वर स्वामी के आशीर्वाद से ही संभव है कि मैं आज जीवित हूं।
मुमताज रिज़ॉर्ट परियोजना मुश्ताक समूह और ओबेरॉय समूह के बीच एक संयुक्त उद्यम था, जिसे एपी पर्यटन नीति 2020-25 के तहत मंजूरी दी गई थी। वाईएसआरसी के नेतृत्व वाली सरकार ने अलीपीरी के पास 250 करोड़ रुपये के लग्जरी होटल के लिए 20 एकड़ जमीन आवंटित की थी, जिसका निर्माण 2027 में पूरा होना था और 2030 तक इसका और विस्तार किया जाना था। हालांकि, इस परियोजना को धार्मिक संस्थाओं से प्रतिरोध का सामना करना पड़ा, जिन्होंने मंदिर के पास वाणिज्यिक गतिविधियों का विरोध किया।
नवंबर 2024 में, गठबंधन के नेतृत्व वाले टीटीडी ट्रस्ट बोर्ड ने भूमि आवंटन को रद्द करने की सिफारिश की। हालांकि, तिरुपति नगर निगम और शहरी विकास प्राधिकरण ने मंजूरी को तेजी से आगे बढ़ाने की कोशिश की, जिसके कारण इन परियोजनाओं को रोकने के लिए सीएम को हस्तक्षेप करना पड़ा।
Published on:
22 Mar 2025 06:11 pm