स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों की खराब स्थिति को लेकर जिला प्रशासन गंभीर हुआ है। शुक्रवार को कलक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में कलक्टर जसमीत सिंह संधू ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जर्जर और असुरक्षित भवनों में अब किसी भी सूरत में बच्चों को नहीं बैठाया जाए। इन भवनों की मरम्मत के प्रस्ताव तैयार कर स्वीकृति के लिए भेजे जाएं। सर्वे में 75 स्कूलें पूरी तरह से जर्जर पाए जाने पर उनके लिए अलग से व्यवस्था की गई है।
निरीक्षण में सामने आई चिंताजनक स्थिति
बैठक में प्रस्तुत रिपोर्ट में जिले के कई विद्यालय भवनों और आंगनबाड़ी केंद्रों के जर्जर, क्षतिग्रस्त और असुरक्षित होने की जानकारी सामने आई। निरीक्षण दलों ने मरम्मत योग्य कक्षों, उपयोग में लिए जा रहे खतरनाक कमरों और आधारभूत सुविधाओं की कमी की विस्तार से जानकारी दी। कलक्टर ने निर्देश दिए कि जर्जर कक्षों का तुरंत उपयोग बंद किया जाए। विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए वैकल्पिक स्थानों पर कक्षाएं संचालित की जाएं। आवश्यकता हो तो शिफ्टवाइज कक्षाएं शुरू की जाएं। निर्माण व मरम्मत के लिए ठोस योजना बनाई जाए। नई कक्षाओं के निर्माण में जल निकासी की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। आंगनबाड़ी केंद्रों की मरम्मत के लिए प्रस्ताव तैयार कर जिला परिषद को भेजें। कलक्टर ने शहर में मौजूद पुरानी और क्षतिग्रस्त इमारतों को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने नगर निगम, यूआईटी और पीडब्ल्यूडी को निर्देश दिए कि सभी जर्जर भवनों का चिन्हित करें। समयबद्ध कार्रवाई की जाए ताकि आमजन की सुरक्षा और शहरी सौंदर्य बना रह सके।
Published on:
02 Aug 2025 08:52 am