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कौन हैं तीन अंतरिक्ष यात्री जो शुभांशु शुक्ला के साथ 14 दिन के लिए अंतरिक्ष स्टेशन पर गए हैं

अमरीका की डॉ. पेगी व्हिटसन सबसे अनुभवी एस्ट्रोनॉट में से एक हैं, जो अंतरिक्ष में 675 दिन बिता चुकी हैं।

नई दिल्ली. भारत के शुभांशु शुक्ला सहित चार अन्य अंतरिक्ष यात्री भी एक्सिओम-4 मिशन (Axiom-4 Mission) पर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) गए हैं। मिशन के दौरान ये 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे, जिनमें सात भारत के हैं। जानिए इन चारों अंतरिक्ष यात्रियों के बारे में।


  1. पेगी व्हिटसन (अमरीका)
    अमरीका की डॉ. पेगी व्हिटसन मिशन की कमांडर हैं। नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री पेगी अमरीका की सबसे अनुभवी एस्ट्रोनॉट में से एक हैं, जो अंतरिक्ष में 675 दिन बिता चुकी हैं। उन्होंने 60 घंटे 21 मिनट के 10 स्पेसवॉक भी किए हैं। यह उनका दूसरा प्राइवेट अंतरिक्ष मिशन है।
    क्या करेंगी : जटिल वैज्ञानिक शोध में भूमिका और चालक दल का मार्गदर्शन।




  2. शुभांशु शुक्ला (भारत)
    भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला मिशन के पायलट हैं। 1985 में लखनऊ में जन्मे शुक्ला के पास दो हजार घंटे से ज्यादा उड़ान का अनुभव है। इनमें एसयू-30 एमकेआइ, मिग21 और मिग29 के अलावा जैगुआर और हॉक जैसे विमान शामिल हैं।
    क्या करेंगे : अंतरिक्ष में कृषि और मांसपेशियों की क्षति से जुड़े प्रयोग।




  3. सावोज उज्नांस्की (पोलैंड)
    पोलैंड और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) का प्रतिनिधित्व करने वाले सावोज भौतिक विज्ञानी और इंजीनियर हैं। 1978 के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले पोलैंड के दूसरे अंतरिक्ष यात्री हैं। उन्होंने लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर जैसे महाप्रयोग की देखरेख की है।
    क्या करेंगे : अंतरिक्ष स्टेशन पर वैज्ञानिक अनुसंधान और माइक्रोगे्रविटी का अध्ययन।




  4. टिबोर कापू (हंगरी)
    पॉलीमर प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष विकिरण सुरक्षा में विशेषज्ञता रखने वाले मैकेनिकल इंजीनियर टिबोर कापू मिशन के एक्सपर्ट हैं। कापू 1980 के बाद अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले हंगरी के दूसरे एस्ट्रोनॉट हैं। वे हंगरी के मानव मिशन की तैयारी के तहत गए हैं।
    क्या करेंगे : अंतरिक्ष में स्वास्थ्या और प्रौद्योगिकी से जुड़े प्रयोगों की अगुवाई।