नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद व लोकसभा में विपक्ष के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सरकार कह रही है, हमारा मकसद युद्ध का नहीं था। हम पूछ रहे हैं- क्यों नहीं था? मकसद युद्ध होना चाहिए था। सरकार कह रही है- हमारा मकसद पीओके लेना नहीं था। हम पूछ रहे हैं- क्यों नहीं था? होना चाहिए था। पीओके अगर आज नहीं लेंगे, तो कब लेंगे?
गोगोई ने यह बातें लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा में भाग लेते हुए कही। विपक्ष की ओर से गोगोई ने सबसे पहले अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, ‘हम तो युद्ध के लिए तैयार थे, लेकिन ये सीजफायर क्यों हुआ, किसके आगे आप झुके मोदी जी ये देश को बताना होगा। ट्रंप ने 26 बार कहा कि मैंने मध्यस्था की, वो कहते हैं कि 5-6 जेट इस ऑपरेशन के दौरान गिर, मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि कि कितने जेट गिरे?’ उन्होंने कहा कि पूरा देश और विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ था, लेकिन 10 मई की शाम सीजफायर की सूचना आती है। गोगोई ने मोदी से सवाल पूछा, ‘ये सीजफायर क्यों हुआ?, जबकि पाकिस्तान घुटने टेकने को तैयार था तो आप क्यों रुके? आप किसके सामने झुके, किसके सामने सरेंडर किया?’
गौरव गोगोई ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना के पराक्रम को लेकर बुहत कुछ कहा, लेकिन ये नहीं बताया कि आतंकी कैसे आए। हम देशहित में ये सवाल करते रहेंगे। उन आतंकियों का मकसद देश में संप्रदायिक माहौल बिगाडऩा था। मुझे दुख है आज रक्षा मंत्री ने सैनिकों की बात तो की, लेकिन हमारे देश की जनता की बात नहीं की। पहलगाम में जिस तरह से घाटी के लोगों ने मदद की वो सबने देखा। देशभर के पर्यटकों ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को धन्यवाद दिया ये भी देश ने देखा।
गोगई ने कहा कि देश जानना चाहता है जिनके अपने उस हमले में मारे गए उनके हमलावरों को सरकार क्यों नहीं पकड़ पाई। उन आतंकियों को किसी ने पनाह दी, किसी ने उनकी मदद की, लेकिन 100 दिन बाद भी सरकार के पास जवाब नहीं है। सरकार के पास अत्याधुनिक सुविधाएं हैं लेकिन फिर भी सरकार कुछ नहीं कर पाई। उस हमले के बाद एक घंटे तक उनके पास ना एंबुलेंस पहुंच पाई ना सेना के जवान, क्योंकि वो सब पैदल चलकर आ रहे थे। डर का माहौल ऐसा था कि उस दौरान फौजी को देखकर लोग दहशत में आ गए थे। राजनाथ सिंह को इस पर एक शब्द तो कहना चाहिए था।
गोगोई ने कहा कि पाकिस्तान को करोड़ों बिलियन डॉलर की सहायता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिलती रही। यह सारा पैसा पाकिस्तान की सेना के पास जाएगा। क्या आपके पास इतनी भी ताकत नहीं थी कि इन संस्थाओं का पैसा पाकिस्तान के पास जाने से रोक सकें? ये सरकार बुजदिल है। इस सरकार में अहंकार आ गया है। हम सवाल उठाएंगे कि मोदी जी जब आप उस दौरान विदेश से लौटे थे तो आपको बिहार नहीं बल्कि पहलगाम जाना चाहिए था। पहलगाम में कोई गया तो राहुल गांधी गए। उन लोगों के लिए जो इस हमले में मारे गए उनकी शहादत की मांग जो कर रहा है वो राहुल गांधी हैं।
गोगई ने कहा कि इस ऑपरेशन के दौरान अगर एक भी राफेल गिरे तो वो बड़ी बात है, क्योंकि देश के पास सिर्फ 35 राफेल ही है। हमे ये बाताया गया है कि हमारे पास सबसे अच्छे लड़ाकू विमान है। अगर ऐसा है तो सीडीएस को क्यों कहना पड़ा की हमारे लड़ाकू विमानों ने पहले गलती की थी, फिर दूर से हमले की योजना बनाई। गोगोई ने कहा कि भारत को लड़ाकू विमान खोने के लिए ग्रुप कैप्टन शिव कुमार ने मिलिट्री टारगेट पर आक्रमण करने की पाबंदी को कारण बताया। वहीं लेफ्टिनेंट जनरल राहुल सिंह ने कहा कि पहले 21 टारगेट चुने गए थे, लेकिन बाद में टारगेट 9 हो गए। इन सभी सवालों का जवाब हमें चाहिए।
Updated on:
29 Jul 2025 10:24 am
Published on:
29 Jul 2025 10:19 am