नई दिल्ली। लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि 29 बार युद्ध रुकवाने का दावा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किया है। यदि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी में दिवगंत इंदिरा गांधी का 50 फीसदी भी साहस और दम है तो लोकसभा में खड़े होकर कह दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि गलती सेना की नहीं, सरकार की थी। सेना का इस्तेमाल राष्ट्रहित में होना चाहिए, जबकि प्रधानमंत्री सेना का इस्तेमाल अपनी इमेज के लिए कर रहे हैं।
राहुल ने यह बातें लोकसभा में पहलगाम आतंक हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर महाबहस में भाग लेते हुए कही। राहुल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस.जयशंकर पर तीखे हमले किए। उन्होंने राजनाथ और जयशंकर के भाषणों पर पलटवार कर अपनी बात रखी। राहुल गांधी ने कहा कि राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में 1971 और ऑपरेशन सिंदूर की तुलना की। सच्चाई यह है कि 1971 में राजनीतिक इच्छाशक्ति थी। तब अमेरिका का सातवां बेड़ा आ रहा था, लेकिन उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी ने कहा हमें बांग्लादेश में जो करना है, हम करेंगे। राहुल गांधी ने पहलगाम हमले को क्रूर बताते हुए कहा कि जो हुआ, वह गलत हुआ। सभी ने इसकी निंदा की। हम चट्टान की तरह चुनी हुई सरकार के साथ खड़े रहे।
राहुल ने पहलगाम हमले के बाद हादसे के पीडि़त परिवार से मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि हम राजनीतिक काम से लोगों से मिलते रहते हैं। जब हाथ मिलाते हो तब पता चल जाता है कि ये टाइगर (सैनिक) है और टाइगर को आजादी देनी पड़ती है। सेना को पूरी आजादी देनी होती है, राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत होती है। सेना के उपयोग के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति जरूरी है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से तब सैम मॉनेकशॉ ने मौसम के चलते कुछ महीने ऑपरेशन नहीं करने की बात कही थी। तब इंदिरा ने मॉनेकशॉ को पूरी छूट देते हुए ऑपरेशन के लिए समय दिया था। 1971 में तब की प्रधानमंत्री ने अमेरिका की परवाह नहीं की। एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों ने सरेंडर किया
राहल ने कहा कि रक्षा मंत्री ने सदन में कहा कि हमने 1.35 बजे पाकिस्तान को यह बताया कि हमने आतंकी ठिकानों पर हमला किया है। यह एस्केलेटरी नहीं थी। अब कोई एस्केलेशन नहीं होना चाहिए। इससे साफ लगता है कि 30 मिनट में ही पाकिस्तान के सामने सरेंडर कर दिया। इससे पता चलता है कि सरार के पास लडऩे की इच्छाशक्ति नहीं है। सरकार ने पायलट्स के हाथ-पांव बांध दिए।
राहुल ने कहा कि विदेश मंत्री ने एक नया शब्द न्यू नॉर्मल बार-बार कहते हैं। यह सही है कि देशों ने आतंकवाद की निंदा की, मगर उन्होंने ये नहीं बताया कि पहलगाम के बाद एक भी देश ने पाकिस्तान की निंदा नहीं की है। विदेश मंत्री कहते हैं कि हमने पाकिस्तान को रोक दिया है, लेकिन पाकिस्तान के सेना प्रमुख ट्रंप के साथ लंच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड आसिम मुनीर है। जबकि वह ट्रंप के साथ लंच कर रहा था। यही न्यू नॉर्मल है।
राहुल ने कहा कि भारतीय विदेश नीति के लिए बड़ी चुनौती चीन और पाकिस्तान का गठजोड़ है। यह समझ रहे थे कि ये लड़ाई पाकिस्तान से है। जल्दी समझ आ गया कि यह लड़ाई पाकिस्तान और चीन के साथ है। चीन क्रिटिकल जानकारियां पाकिस्तान को दे रहा था। मुझ पर विश्वास नहीं है, अब तो जनरल राहुल सिंह ने यही बात कह दी है। पाकिस्तान को चीन से लाइव बैटल फील्ड फीड मिल रही थी।
Published on:
30 Jul 2025 12:06 pm