Delhi Accident: दिल्ली के दक्षिण-पूर्वी इलाके जैतपुर के हरि नगर में शनिवार सुबह एक दर्दनाक हादसे ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। यहां एक पुराने मंदिर की दीवार अचानक भरभराकर गिर पड़ी, जिसके मलबे के नीचे आठ लोग दब गए। हादसे में सात लोगों की मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल है और अस्पताल में उसका इलाज जारी है। मृतकों में एक ही परिवार के चार सदस्य शामिल हैं, जिससे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुबह करीब 7 बजे अचानक जोरदार धमाके जैसी आवाज आई। लोग घरों से बाहर निकले तो देखा कि मंदिर की एक बड़ी दीवार पूरी तरह से गिर चुकी थी। उसके नीचे पास की झुग्गियों में रहने वाले लोग दब गए थे। ये झुग्गियां उस मंदिर की दीवार से बिल्कुल सटी हुई थीं और ज्यादातर यहां कबाड़ का काम करने वाले परिवार रहते थे। एडिशनल डीसीपी साउथ ईस्ट ऐश्वर्या शर्मा ने बताया, “यह एक पुराना मंदिर है और इसके बगल में झुग्गियां हैं। रातभर हुई भारी बारिश के कारण दीवार कमजोर हो गई और सुबह यह गिर गई। आठ लोग मलबे में दब गए थे, जिन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। सात की मौत हो चुकी है और एक का इलाज जारी है। हमने सुरक्षा के लिए आसपास की झुग्गियों को खाली करा दिया है।”
हादसे की खबर मिलते ही दमकल विभाग, पुलिस और आपदा प्रबंधन टीम मौके पर पहुंची। स्थानीय लोगों की मदद से मलबा हटाकर घायलों को बाहर निकाला गया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, बचाव अभियान बेहद चुनौतीपूर्ण था क्योंकि मलबे में लोहे के सरिए और ईंटें इस तरह फंसी थीं कि उन्हें काटकर हटाना पड़ा। दमकल विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मलबे की गहराई और बारिश से बने कीचड़ के कारण राहत कार्य में दिक्कत आई, लेकिन टीम ने बिना समय गंवाए ऑपरेशन जारी रखा। अभी भी मौके पर सर्च ऑपरेशन जारी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई और व्यक्ति मलबे में दबा न रह गया हो।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मंदिर की दीवार काफी पुरानी और जर्जर थी। भारी बारिश के कारण नींव में पानी भर गया, जिससे दीवार की मजबूती खत्म हो गई और यह भरभराकर गिर गई। हालांकि, पुलिस ने फिलहाल हादसे की विस्तृत जांच के आदेश दे दिए हैं। स्थानीय लोगों ने नाराजगी जताई है कि प्रशासन ने पुराने ढांचों की समय-समय पर जांच और मरम्मत के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उनका कहना है कि कई बार शिकायत के बावजूद दीवार की मरम्मत नहीं कराई गई, जिसका खामियाजा अब निर्दोष लोगों को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा।
यह हादसा एक बार फिर दिल्ली में पुरानी इमारतों और ढांचों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करता है। राजधानी में ऐसे कई धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल हैं जिनकी दीवारें व संरचनाएं जर्जर हो चुकी हैं, लेकिन समय पर रखरखाव न होने के कारण वे हादसों को दावत देती हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि प्रशासन को ऐसे ढांचों का नियमित सर्वे कर उनकी मरम्मत या पुनर्निर्माण करवाना चाहिए। फिलहाल, हादसे के बाद हरि नगर में मातम पसरा है। पीड़ित परिवारों के घरों में रोना-धोना मचा है, और लोग इस दर्दनाक सुबह को लंबे समय तक भूल नहीं पाएंगे।
Updated on:
09 Aug 2025 03:29 pm
Published on:
09 Aug 2025 03:20 pm