3 अगस्त 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

Alert: दिल्ली में मौसम का डबल अटैक! डेंगू और मलेरिया के मामले बढ़े, कई साल के रिकॉर्ड टूटे, अलर्ट

Alert: दिल्ली में मानसून की भारी बारिश ने जहां गर्मी से लोगों को राहत पहुंचाई है, वहीं जगह-जगह जलभराव से दिल्ली में संक्रामक बीमारियों की वजह बन रहा है। मानसून सीजन में मलेरिया और डेंगू के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो पिछले कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ रही है।

Alert: दिल्ली में मौसम का डबल अटैक! डेंगू और मलेरिया के मामले बढ़े, कई साल के रिकॉर्ड टूटे, अलर्ट
दिल्ली में मानसून की बारिश के बीच डेंगू और मलेरिया के मरीजों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।

Alert: दिल्ली इस साल गंभीर मच्छर जनित बीमारियों की चपेट में है। मानसून के मौसम में जहां राहत की उम्मीद होती है, वहीं राजधानी में यह पानी बीमारी की वजह बनता जा रहा है। 2025 में अब तक मलेरिया और डेंगू के मामलों में जो बढ़ोतरी दर्ज की गई है, वह पिछले कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ रही है। नगर निगम (एमसीडी) की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल अब तक 124 मलेरिया के मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जो पिछले दस वर्षों में सबसे अधिक हैं। वहीं, 28 जुलाई तक डेंगू के 277 मामले सामने आ चुके हैं, जो पिछले पांच वर्षों में इस समयावधि के लिए दूसरी सबसे बड़ी संख्या है।

बारिश बन रही बीमारी की वजह

जुलाई महीने में दिल्ली में सामान्य से अधिक बारिश हुई। कुल 259.3 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि सामान्य औसत 209.7 मिमी होता है। इस अधिक बारिश ने राजधानी के कई हिस्सों में जलभराव की स्थिति पैदा कर दी। विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून के दौरान मच्छरों का प्रजनन सामान्य बात है, लेकिन इस बार भारी बारिश और लगातार जलजमाव के कारण मच्छरों को अधिक तेजी से पनपने का मौका मिला। केवल पिछले सात दिनों में ही नगर निगम की टीमों ने 9,117 नए मच्छर प्रजनन स्थलों की पहचान की है। जनवरी से जुलाई के बीच यह संख्या कुल 89,030 तक पहुंच चुकी है।

सेंट्रल जोन सबसे ज्यादा प्रभावित

डेंगू के मामले राजधानी के लगभग सभी क्षेत्रों से सामने आ रहे हैं, लेकिन सेंट्रल जोन में हालात सबसे खराब हैं। यहां सबसे ज्यादा 38 मामले दर्ज किए गए हैं। इसके बाद वेस्ट जोन में 30, सिविल लाइंस में 29, और रोहिणी, शाहदरा और साउथ जोन में 26-26 मामले सामने आए हैं। केवल पिछले हफ्ते में 16 डेंगू और 12 मलेरिया के नए केस रिपोर्ट किए गए हैं। तुलना करें तो पिछले साल 2024 में इसी तारीख तक 284 डेंगू और 106 मलेरिया के मामले सामने आए थे, जबकि 2023 में यह संख्या क्रमशः 116 और 40 थी।

डेंगू क्यों है इतना खतरनाक?

डेंगू एक वायरल संक्रमण है, जो एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। इसकी सबसे बड़ी चुनौती यह है कि कई बार मरीजों में कोई लक्षण दिखाई ही नहीं देते। जब लक्षण उभरते हैं, तो तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी और त्वचा पर चकत्ते देखने को मिलते हैं। गंभीर मामलों में यह संक्रमण डेंगू हेमरेजिक फीवर का रूप ले सकता है, जो रक्तस्राव और प्लाज्मा रिसाव के कारण जानलेवा हो सकता है। डेंगू मच्छर साफ पानी में पनपते हैं, इसलिए इसे रोकने का सबसे असरदार तरीका इसके प्रजनन स्थलों को नष्ट करना है।

एमसीडी की तैयारी और चुनौती

दिल्ली नगर निगम ने स्थिति को गंभीर मानते हुए विशेष इंतजाम किए हैं। स्टैंडिंग कमेटी की चेयरपर्सन सत्य शर्मा ने बताया कि हिंदू राव अस्पताल में 70, स्वामी दयानंद अस्पताल में 22 और कस्तूरबा अस्पताल में 75 बेड मच्छर जनित बीमारियों के लिए आरक्षित किए गए हैं। ये अस्पताल अब सेंटिनल सर्विलांस सेंटर के रूप में कार्य करेंगे। सभी अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रखा गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।

नगर निगम के अधिकारियों ने क्या बताया?

नगर निगम के अधिकारियों का मानना है कि मामलों में बढ़ोतरी के पीछे बेहतर रिपोर्टिंग और डेटा संग्रहण की भूमिका भी हो सकती है। इसके साथ ही, चिकनगुनिया जैसी अन्य मच्छर जनित बीमारियों को रोकने के लिए भी सक्रियता से कार्य किया जा रहा है। दिल्ली में डेंगू और मलेरिया जैसे रोगों की बढ़ती रफ्तार चिंता का विषय है। इस समस्या से निपटने के लिए प्रशासन की तैयारी तो दिख रही है, लेकिन जनसहभागिता के बिना इसे नियंत्रित करना मुश्किल है। नागरिकों को अपने आसपास जलभराव रोकने, पानी के बर्तन ढककर रखने और मच्छर रोधी उपायों को अपनाने की जरूरत है। क्योंकि जब मच्छर नहीं पनपेंगे, तब ही बीमारी थमेगी।