Wife Regrets Divorcing Husband: पति-पत्नी का रिश्ता समर्पण और भरोसे की डोर पर टिका होता है। हालांकि कई बार गलतफहमी और गुस्से के चलते ये रिश्ते बिखर जाते हैं। जिसमें बाद में पछतावे के अलावा कुछ नहीं बचता। ऐसा ही एक मामला सोशल मीडिया पर सामने आया है। जिसमें एक प्रेमी युगल लव मैरिज के चार साल बाद अलग हो गया। अब महिला को अपने किए पर पछतावा हो रहा है। इस महिला की कहानी रिश्तों, निर्णयों और पछतावे की एक कड़वी मिसाल बनकर सामने आई है। जहां क्षणिक क्रोध, पारिवारिक दबाव और लालच ने एक पूरे परिवार को बिखेर दिया। यह मामला न सिर्फ एक सामाजिक चेतावनी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि किसी के भी निर्णय का असर सिर्फ उस पर नहीं, पूरे परिवार और समाज पर पड़ सकता है।
रेडिट (Reddit) पर हाल ही में एक महिला की आपबीती ने हजारों पाठकों को झकझोर कर रख दिया। इस महिला ने अपने दिल की बात साझा करते हुए बताया कि उसने प्रेम विवाह किया था। जिससे उसके दो बच्चे भी थे। शुरुआत में सब कुछ ठीक था, लेकिन पति से एक मामूली कहासुनी के बाद उसकी ज़िंदगी पूरी तरह से बदल गई। महिला के मुताबिक, उसके पिता और भाई ने उसे अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा के झूठे केस दर्ज कराने के लिए मजबूर किया। महिला ने यह भी बताया कि उसे परिवार का साथ मिलने की उम्मीद थी, लेकिन वही उसके पतन का कारण बन गया।
झूठे आरोपों में फंसा यह मामला पूरे चार साल तक अदालत में चला। अंततः यह समझौते के जरिए समाप्त हुआ, लेकिन इस बीच पति पूरी तरह टूट चुका था। महिला ने बताया कि अब, जब वह 37 साल की हो चुकी है, उसके पति ने दूसरी शादी कर ली है। अब हालत यह है कि वही माता-पिता और भाई-भाभी जो कभी उसका साथ देने का दावा करते थे, आज उससे मुंह मोड़ चुके हैं। महिला ने लिखा कि उसे अब गहरा पछतावा है और वह खुद को पूरी तरह असफल मानती है। महिला ने अपनी पोस्ट में लिखा "सोचा था कि अपने पति से मिलकर माफी मांगूं, उन पर और उनके परिवार पर लगाए गए सभी झूठे आरोपों के लिए। लेकिन अब वह शादी कर चुके हैं। मैं जिंदगी के 37 सालों में पूरी तरह नाकाम रही हूं।"
द मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, इस पोस्ट के बाद रेडिट पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। कुछ ने सहानुभूति जताई, तो कईयों ने महिला के फैसलों की तीखी आलोचना भी की। एक यूज़र ने लिखा "जो बोओगे, वही काटोगे।" एक अन्य यूजर्स ने लिखा "जो इंसान आपका सुकून होना चाहिए था, वही आपकी बर्बादी का कारण बना। मैं अपने दुश्मनों को भी ऐसी तकलीफ नहीं देना चाहूंगी।"
कुछ ने इसे क्षणिक क्रोध और लालची रिश्तेदारों की चाल बताया। एक यूज़र ने सवाल किया "माता-पिता और भाई जैसे करीबी रिश्तेदार इतने चालाक कैसे हो सकते हैं?" एक और यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रिया में चेतावनी दी "भारतीय पुरुषों को ऐसे पाखंडी और सोची-समझी रणनीति अपनाने वालों से सावधान रहना चाहिए।"
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार सालभर में दहेज उत्पीड़न के 34,662 मामले ऐसे थे जिन्हें झूठा माना गया। जबकि 39,202 मामले तथ्यों की गलती या दीवानी विवाद के आधार पर समाप्त हुए। इसमें 7,076 मामले पति या ससुरालवालों द्वारा क्रूरता के हैं। जबकि 4,340 मामले बलात्कार के और 6,821 मामले महिलाओं पर हमला करने के हैं। वहीं 8,588 मामले अपहरण और व्यपहरण के भी दर्ज किए गए। जो झूठे पाए गए। ये आंकड़े बताते हैं कि झूठे मामलों की संख्या भी चिंता का विषय बन चुकी है। जो सिर्फ आरोपी को ही नहीं, बल्कि असली पीड़ितों की न्यायिक प्रक्रिया को भी प्रभावित करती है।
Updated on:
22 Jul 2025 03:20 pm
Published on:
22 Jul 2025 03:08 pm