Delhi: संसद के आगामी मानसून सत्र से पहले विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी तेज कर दी है। इसी रणनीति के तहत कांग्रेस ने संसद के मानसून सत्र से पहले इंडिया गठबंधन में शामिल सभी पार्टियों की दिल्ली में बड़ी बैठक बुलाई है। 19 जुलाई को आयोजित होने वाली इस बैठक का नेतृत्व सोनिया गांधी करेंगी। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य सरकार के खिलाफ साझा रणनीति तय करना और विपक्षी एकता का प्रदर्शन करना है।
कांग्रेस इस बार केवल नारेबाज़ी और विरोध के बजाय ठोस मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बना रही है। इसी कारण, वह मुद्दों के चयन में सावधानी बरत रही है और मतभेदों को पहले ही सुलझाने की कोशिश में लगी है। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच बढ़े तनाव के चलते इस बैठक में AAP को आमंत्रित नहीं किया गया है। दोनों दल एक-दूसरे पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं और अलग-अलग चुनावी रणनीति अपना रहे हैं। हालांकि इससे पहले बुधवार को AAP नेता संजय सिंह ने स्पष्ट करते हुए बताया था कि इंडिया गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनावों तक ही सीमित था। इसलिए अब AAP इंडिया गठबंधन का हिस्सा नहीं है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना और कांग्रेस के बीच दरार पड़ने की खबरें सामने आ रही थीं। यहां तक कि शिवसेना ने अपने मुख पत्र सामना में कांग्रेस के खिलाफ तल्ख टिप्पणियां भी प्रकाशित कीं। ऐसे में 19 जुलाई को दिल्ली में होने वाली इंडिया गठबंधन की बैठक को लेकर सवाल उठ रहे थे कि इसमें शिवसेना शामिल होगी या नहीं? इसको लेकर शिवसेना यूबीटी के सूत्रों का कहना है कि 19 जुलाई को दिल्ली में होने वाली बैठक लोकसभा चुनाव के बाद INDIA गठबंधन की पहली बड़ी मुलाकात मानी जा रही है। इसलिए इस रणनीतिक बैठक में शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे भी भाग लेंगे।
शिवसेना यूबीटी के सूत्रों की मानें तो 19 जुलाई को बैठक के लिए उद्धव ठाकरे दिल्ली पहुंचेंगे। जहां वे कांग्रेस सहित अन्य घटक दलों के नेताओं से मिलेंगे। यह बैठक आगामी संसद सत्र में राष्ट्रीय मुद्दों को एकसाथ उठाने की योजना को मजबूत करने के लिहाज़ से बेहद अहम मानी जा रही है। वहीं कांग्रेस की मंशा है कि इस बैठक में अधिक से अधिक विपक्षी दल शामिल हों। ताकि एक साझा मंच बनाकर संसद में सरकार से जवाबदेही तय की जा सके।
एनसीपी नेता आनंद परांजपे ने कहा "लोकसभा चुनाव के दौरान गठित इंडिया और अघाड़ी गठबंधन बिखरते हुए दिख रहा है। आम आदमी पार्टी को इस बैठक में नहीं बुलाने के पीछे भी बिखराव के संकेत दिख रहे हैं। हालांकि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार के खिलाफ जनआंदोलन खड़ा करके अन्ना हजारे की पीठ पर सवार होकर सत्ता में आए। अब उन्हीं के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप सामने आ रहे हैं। शराब नीति को लेकर वो जेल भी गए। जो खुद भ्रष्टाचार का विरोध करता था, आज उन्हीं के खिलाफ भ्रष्टाचार के सबूत मिल रहे हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। अब इंडिया और महाविकास आघाड़ी में भी कोई दम नहीं बचा है।
21 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र से पहले विपक्ष एकजुट होकर आक्रामक रुख अपनाना चाहता है। कांग्रेस पहले ही बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण को लेकर केंद्र पर सवाल उठा चुकी है, और इसे संसद में मुद्दा बनाने के संकेत हैं। बैठक में सरकार को घेरने की रणनीति, राष्ट्रीय सुरक्षा, ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कथित दावों में प्रधानमंत्री मोदी के नाम का ज़िक्र जैसे विषयों पर चर्चा होगी। कांग्रेस की संसदीय रणनीति समिति पहले ही इन मुद्दों पर मंथन कर चुकी है। सोनिया गांधी की मौजूदगी विपक्ष की एकजुटता का प्रतीक होगी, और कांग्रेस चाहती है कि मानसून सत्र से पहले विपक्षी दल एक साझा एजेंडा तैयार कर लें।
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Updated on:
17 Jul 2025 05:16 pm
Published on:
17 Jul 2025 05:10 pm