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12 टन फूलों से सजा सांवलिया सेठ का धाम, फूलों की महक बनी श्रद्धा की अनोखी मिसाल

Sanwaliya Seth Dham : विश्वविख्यात सांवलिया सेठ मंदिर में भक्ति और श्रद्धा की अद्भुत झलक देखने को मिली। मंदिर को 12 टन फूलों से सजाया गया।

नीमच

Faiz Mubarak

Aug 02, 2025

Sanwaliya Seth Dham
12 टन फूलों से सजा सांवलिया सेठ का धाम (Photo Source- Patrika)

Sanwaliya Seth Dham : राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित विश्वविख्यात सांवलिया सेठ मंदिर में भक्ति और श्रद्धा की अद्भुत झलक देखने को मिली। मंदिर को 12 टन फूलों से सजाया गया, जिससे पूरे धाम की फिजा फूलों की भीनी-भीनी खुशबू से महक उठी। बता दें कि, ये अलौकिक सजावट एक अज्ञात श्रद्धालु द्वारा भगवान सांवलिया सेठ के प्रति गहरी आस्था और समर्पण का प्रतीक बनी, जिसके दर्शन करने मध्य प्रदेश के नीमच और रतलाम जिले से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं।

फूलों से बना 'भक्ति का माहौल'

एक दिन पहले आई विशेष टीम ने सजावट की तैयारी शुरू की थी। झूमरों को कांच के झूमरों की तर्ज पर विशेष रूप से डिजाइन किया गया, जिनमें 'सांवलिया सेठ' का नाम फूलों से अंकित किया गया। ये फूलों के झूमर मंदिर की छत से लटकते हुए श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर रहे थे।

देशभर से मंगवाए गए फूल

इस भव्य फूल सज्जा के लिए मोगरा, चमेली, मेरीगोल्ड, कनेर, ब्लू स्टार, रजनीगंधा जैसे रंग-बिरंगे और सुगंधित फूल हिमाचल प्रदेश, कोलकाता और दक्षिण भारत के विभिन्न हिस्सों से मंगवाए गए। फूलों की इतनी बड़ी मात्रा (12 टन) में लाने, संभालने और सजाने की प्रक्रिया ने पूरे आयोजन को भव्यता प्रदान की।

श्रद्धालु की पहचान अज्ञात, श्रद्धा बनी चर्चा का विषय

यह आयोजन एक अज्ञात श्रद्धालु द्वारा करवाया गया, जिसने नाम उजागर नहीं किया, लेकिन उसकी श्रद्धा और सेवा की भावना ने उसे हजारों भक्तों के बीच प्रशंसा का पात्र बना दिया। मंदिर में आने वाले श्रद्धालु इस अनोखी सजावट को देखकर अभिभूत हो रहे हैं और इसे भक्ति की सजीव मिसाल मान रहे हैं।

दर्शनार्थियों में उत्साह, सेल्फी और तस्वीरों का दौर

फूलों से सजे मंदिर परिसर को देखकर श्रद्धालु न सिर्फ दर्शन का आनंद ले रहे हैं, बल्कि तस्वीरें और सेल्फी लेकर इस यादगार पल को सहेज भी रहे हैं। मंदिर के पुजारियों और ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने इस आयोजन को एक अद्वितीय भक्ति उत्सव बताया।

आस्था को दर्शाती है साज-सज्जा

भगवान सांवलिया सेठ के दरबार में इस प्रकार की अनुपम सजावट न सिर्फ आस्था को दर्शाती है, बल्कि ये भी सिद्ध करती है कि, भक्ति जब सच्चे मन से की जाए तो वो किसी प्रदर्शन की मोहताज नहीं होती। ये अपने आप लोगों के हृदय में बस जाती है।