कांग्रेस के एक दिग्गज नेता ने बड़ा बयान दिया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने शनिवार को भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत फिर से शुरू करने का अनुरोध किया है।
इसके साथ ही, उन्होंने भारत सरकार की वर्तमान विदेश नीति की कड़ी आलोचना भी की है। आईएएनएस के साथ बातचीत में अय्यर ने कहा कि हाल में भारत के साथ तनावों के दौरान चीन पूरी तरह से पाकिस्तान के साथ खड़ा था, वह युद्ध में हर तरह से उसकी मदद कर रहा था। इसके बावजूद, भारत चीन के साथ कूटनीतिक बातचीत के लिए तैयार है। फिर पाकिस्तान के प्रति शत्रुतापूर्ण रवैया क्यों है?
उन्होंने कहा कि जब 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष हुआ था, तब चीनी सेना पाकिस्तानी वायु सेना का समर्थन कर रही थी। अगर बीजिंग के साथ बातचीत संभव है, तो इस्लामाबाद के साथ क्यों नहीं?
वहीं, अय्यर ने पीएम मोदी के एक पुराने बयान का भी जिक्र किया। जिसे उन्होंने रूस यात्रा के दौरान दिया था। पीएम मोदी ने कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है और बातचीत ही एकमात्र किसी भी विवाद का समाधान हैं।
इसपर अय्यर ने पूछा कि पाकिस्तान के साथ भारत के व्यवहार में यह सिद्धांत क्यों लागू नहीं होता? जबकि चीन के साथ तो बातचीत हाल ही में शुरू हुई है।
अय्यर ने विदेश नीति पर भी निशाना साधा। उन्होंने सवाल किया कि हमारी कूटनीति में न तो सिद्धांतों का ज्ञान है और न ही लक्ष्य का, फिर यह कैसी कूटनीति और विदेश नीति है?
इसके अलावा, कांग्रेस नेता ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम समझौते की मध्यस्थता करने के बार-बार किए गए दावों का मुद्दा भी उठाया, जिसे भारत सरकार ने लगातार खंडन किया गया है।
अय्यर ने पूछा कि भारत सरकार ने राष्ट्रपति ट्रंप के दावों का आधिकारिक तौर पर और जोरदार खंडन क्यों नहीं किया है। उन्होंने कहा कि ट्रंप के दावों पर हमारी सरकार यह कहने को तैयार नहीं है कि वह झूठ बोल रहे हैं। सरकार में सत्ता और उनके तथाकथित दोस्तों और दुश्मनों से सच बोलने का साहस नहीं है।
अय्यर ने आगे कहा कि भारत के युद्धविराम समझौते का श्रेय लेने के ट्रंप के दावों को पाकिस्तान स्वीकार करता है, लेकिन भारत ने किसी भी मध्यस्थता से इनकार किया है। इसलिए, इस्लामाबाद को सारा लाभ मिल रहा है और हम सजा भुगत रहे हैं।
Published on:
02 Aug 2025 11:48 am