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Trump Tariff: मोदी सरकार ने ट्रंप को दिया करारा जवाब, अमेरिका और यूरोप के उड़ जाएंगे होश

Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की है। ट्रंप का टैरिफ 7 अगस्त से भारत पर लागू हो जाएगा। ट्रंप के टैरिफ पर भारत ने कारारा जवाब दिया है। साथ ही अमेरिका और यूरोप का दोहरा चरित्र दुनिया के सामने रख दिया है।

PM Narendra Modi hits back at US for Donald Trump's tariff
PM Narendra Modi hits back at US for Donald Trump's tariff (Photo - Patrika Network)

Trump Tariff: भारत (India) ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) को करारा जवाब दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय (Indian Foreign Ministry) ने यूरोप (Europe) से लेकर अमेरिका (America) तक का कच्चा चिट्ठा दुनिया के सामने रख दिया है। मोदी सरकार ने ट्रंप को दो टूक कहा है कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।

ट्रंप को चुप करा दिया

मोदी सरकार ने कहा कि भारत को निशाना बनाना अनुचित और अविवेकपूर्ण है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक बयान जारी कर अमेरिकी टैरिफ पॉलिसी की न सिर्फ आलोचना की है, बल्कि अमेरिका और यूरोप के सामने रूस संग खरीदारी का डेटा पेश कर चुप करा दिया है।

भारतीय विदेश मंत्रायल के आधिकारिक प्रेस नोट में बिंदुवार तरीके से बताया गया है कि रूस पर प्रतबिंध लागू होने के बाद भी कैसे यूरोप, रूस से खरीदारी कर रहा है। यही नहीं, अमेरिका भी रूस खाद और हेक्साफ़्लोराइड, इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए पैलेडियम खरीद रहा है।

अमेरिका ने खुद कहा था रूस से तेल लेने

भारत ने साफ कहा है कि जब यूक्रेन जंग शुरू हुई थी, उस वक़्त यूरोप की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए तेल की सप्लाई दूसरी जगहों से कराई जा रही थी और उसी वक्त अमेरिका ने खुद इंडिया को रूस से तेल लेने के लिए कहा था, ताकि ग्लोबल एनर्जी मार्केट स्थिर बना रहे।

रूस से तेल खरीदना भारत के हित में है, क्योंकि देश के आम लोगों को सस्ती और भरोसेमंद एनर्जी चाहिए। यह कोई लग्जरी या शौक नहीं, बल्कि ज़रूरत है, जबकि जो देश भारत पर उंगलियां उठा रहे हैं, वो खुद भी रूस से बड़े पैमाने पर व्यापार कर रहे हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि फर्क ये है कि इंडिया के लिए ये व्यापार जरूरी है, मगर वेस्टर्न देशों के लिए ये कोई मजबूरी नहीं है। फिर भी वो कर रहे हैं।

EU और रूस के बीच 67.5 अरब यूरो का कारोबार

2024 में यूरोपियन यूनियन और रूस के बीच 67.5 अरब यूरो का व्यापार हुआ है। साल 2023 में सर्विसेज में भी 17.2 अरब यूरो का व्यापार हुआ जो भारत का रूस के साथ पूरे व्यापार से कहीं ज्यादा है। मंत्रालय ने आगे कहा कि यूरोप ने 2024 में रूस से 16.5 मिलियन टन लिक्विड गैस ली, जो 2022 के 15.21 मिलियन टन के आंकड़े से भी अधिक है।

यूरोप और रूस का व्यापार सिर्फ एनर्जी तक सीमित नहीं है, बल्कि खाद, खनिज, केमिकल्स, लोहा, स्टील, मशीनें और ट्रांसपोर्ट इक्विपमेंट तक फैला हुआ है। अमेरिका भी रूस से यूरेनियम एनरिचमेंट के लिए हेक्साफ़्लोराइड, इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए पैलेडियम, खाद और कई केमिकल्स लेता है। जो लोग भारत पर उंगली उठा रहे हैं। वह भी रूस से व्यापार कर रहे हैं। उनकी दोहरी नीति गलत है।

7 अगस्त से लागू होगा टैरिफ

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की है। ट्रंप का टैरिफ 7 अगस्त से भारत पर लागू हो जाएगा। आर्थिक विशेषज्ञों की मानें तो ट्रंप के टैरिफ से भारत की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। देश की GDP 0.3 फीसदी नीचे जा सकती है। ट्रंप के टैरिफ का असर निर्यातकों पर भी दिखने लगा है।