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ये All India Radio की राष्ट्रीय प्रसारण सेवा है…1927 में शुरू हुई सेवा बनी भारत की आवाज, यहां पढ़िए रेडियो के विस्तार की कहानी

All India Radio: आज राष्ट्रीय प्रसारण दिवस है। इस अवसर पर हम आपको भारत में रेडियो की यात्रा की कहानी बता रहे हैं।

All India Radio
आज राष्ट्रीय प्रसारण सेवा दिवस है। (Photo: Patrika)
National Broadcasting Day 2025: ये ऑल इंडिया रेडियो (All India Radio) का राष्ट्रीय प्रसारण सेवा है… अलग-अलग आवाज में यह घोषणा आप सभी ने रेडियो पर कई बार सुनी ही होगी। आज राष्ट्रीय प्रसारण दिवस की 98वां वर्ष है। लगभग 10 दशकों में रेडियो का दायरा बढ़ता ही गया। आज भारत में रेडियो की राष्ट्रीय प्रसारण सेवा 146 भाषाओं में समाचार से लेकर मनोरंजन तक मुहैया करा रही है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अनुसार, आकाशवाणी (Akashvani) की पहुंच देश की 99% से अधिक आबादी तक किसी न किसी रूप में है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है और यह प्रसार भारती के अंतर्गत दूरदर्शन की सहयोगी सेवा है। रेडियो किस तरह से आगे बढ़ता चला गया और दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा रेडियो नेटवर्क बन गया, इस रिपोर्ट में रोचक तथ्यों के जरिए हम आपको बताएंगे।

स्वतंत्रता संग्राम में लोगों को एकजुट करने में निभाई बड़ी भूमिका

First Radio Telecast in 1923: पहला रेडियो प्रसारण 1923 में बॉम्बे और कलकत्ता के रेडियो क्लबों द्वारा किया गया था जबकि मद्रास प्रेसीडेंसी रेडियो क्लब की स्थापना 1924 में हुई थी। हालांकि देश में 23 जुलाई 1927 को भारत के वायसराय लॉर्ड इरविन ने पहला रेडियो प्रसारण कंपनी इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी (Indian Broadcast Company) के बॉम्बे स्टेशन का उद्घाटन किया था। लगभग 9 वर्ष बाद 8 जून 1936 में इसका नाम ऑल इंडिया रेडियो रखा गया। यह वह दौर था जब अंग्रेजी सत्ता के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता संग्रामी गोलबंद हो रहे थे और आंदोलन कर रहे थे। इस काम में रेडियो ने शक्तिशाली भूमिका निभाई। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद इसकी भूमिका खबरों की सूचना के साथ ग्रामीण इलाकों में साक्षरता, स्वास्थ्य संबंधी सूचनाएं और कृषि ज्ञान को बढ़ावा देने में बड़ी भूमिका निभाने लगा।

ऐसे फैलती चली गई रेडियो की आवाज

देश को आज़ादी मिलने के समय भारत में छह रेडियो स्टेशन थे- दिल्ली, बॉम्बे, मद्रास, कलकत्ता, लखनऊ और तिरुचिरापल्ली जबकि पाकिस्तान में तीन रेडियो स्टेशन थे। भारत में उस समय लगभग 2,75,000 रेडियो सेट थे।

रेडियो सीलोन से होड़ लेने के लिए शुरू हुई विविध भारती सेवा

वर्ष 1956 में रेडियो के राष्ट्रीय प्रसारण के लिए इसका नाम बदलकर आकाशवाणी रखा गया। अगले साल इसकी सेवा में मनोरंज का एक नया आयाम जुड़ गया और जिसके चलते रेडियो ने लोकप्रियता का नया शिखर छुआ। रेडियो पर वर्ष 1957 में लोकप्रिय फिल्म संगीत के साथ विविध भारती सेवा शुरू की गई थी। आपको बता दूं कि रेडियो सीलोन (Radio Ceylon) से प्रतिस्पर्धा करने के लिए विविध भारती रेडियो (Vividh Bharati Radio) चैनल शुरू किया गया था।

सबसे पहला एफएम चैनल इस शहर से शुरू हुआ

FM Radio Channel Started in 1977: वर्ष 1977 में चेन्नई से एफएम का प्रसारण शुरू हुआ लेकिन 1994 के दशक में इसका लाइसेंस प्राइवेट चैनल शुरू करने के लिए बांटा गया। आकाशवाणी ने 1990 में आंध्र प्रदेश के वारंगल में अपना 100वां रेडियो स्टेशन चालू किया। अगले तीन वर्ष में इसका तेजी से विस्तार हुआ और ओडिशा के बरहामपुर में इसका 150वां स्टेशन चालू किया गया।

100 देशों तक पहुंच रही है आकाशवाणी की मधुर आवाज

आकाशवाणी की पहुंच ना सिर्फ भारत के श्रोता वर्गों तक बल्कि वह अपनी सेवा दूसरे देशों के श्रोताओं को भी मुहैया कराता है। आकाशवाणी से प्रतिदिन 100 से अधिक देशों में अपनी सेवाएं देता है। आकाशवाणी बाहरी श्रोताओं को 27 भाषाओं में अपनी कवरेज दे रहा है। इन सेवाओं में 57 अलग-अलग कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं। इन प्रसारणों में से 15 विदेशी और 12 भारतीय कार्यक्रम शामिल हैं।