राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने शनिवार को दावा किया है कि उनका नाम भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी की गई मतदाता सूची में नहीं है। पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए तेजस्वी ने यह जानकारी दी है। तेजस्वी ने कहा कि उन्होंने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान गणना फॉर्फ भरा था लेकिन इसके बावजूद लिस्ट से उनका नाम गायब है। इसके बाद तेजस्वी ने चुनाव आयोग से सवाल करते हुए पूछा कि मैं अब आगामी चुनाव कैसे लडूंगा। इसके साथ ही जब तेजस्वी से पूछा गया कि क्या आपकी पत्नी का वोटर आईडी कार्ड बना है या नहीं तो उन्होंने कहा कि जब मेरा ही नहीं बना तो पत्नी का कैसे बन जाएगा। हालांकि पटना डीएम एस एन त्यागराजन ने तेजस्वी के इन दावों को खारिज करते हुए उनका नाम लिस्ट में होने के सबूत पेश किए है।
बता दें कि बिहार में इन दिनों तेजी से मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का कार्य किया जा रहा है। चुनाव आयोग ने इसके तहत पहली वोटर लिस्ट शुक्रवार को जारी की थी। तेजस्वी ने बताया कि उन्होंने ईपीआईसी नंबर डाल कर इस लिस्ट में अपना नाम खोजने की कोशिश की तो उन्हें नो रिकॉर्ड फाउंड का मैसेज मिला। उन्होंने कहा कि, मैंने खुद फॉर्म भर कर बूथ लेवल ऑफिसर को जमा कराया था, लेकिन फिर भी मेरा नाम सूची में कैसे नहीं आया।
डीएम त्यागराजन ने बूथ लिस्ट जारी करते हुए तेजस्वी यादव के दावों को झूठा करार दिया है। पटना के जिला प्रशासन ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए तेजस्वी का नाम लिस्ट में होने की जानकारी दी और साथ ही लिस्ट की फोटो भी शेयर की। उन्होंने लिखा, कुछ समाचार माध्यमों से यह ज्ञात हुआ है कि माननीय नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव का नाम विशेष गहन पुनरीक्षण के प्रारूप मतदाता सूची में नहीं है। इस बारे में जिला प्रशासन, पटना द्वारा जांच की गई। इसमें यह स्पष्ट हुआ है कि माननीय नेता प्रतिपक्ष का नाम प्रारूप मतदाता सूची में दर्ज है। वर्तमान में उनका नाम मतदान केन्द्र संख्या 204, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का पुस्तकालय भवन, क्रम संख्या 416 पर अंकित है। पूर्व में उनका नाम बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का पुस्तकालय भवन, मतदान केन्द्र संख्या 171, क्रम संख्या 481 पर दर्ज था।
तेजस्वी ने कहा कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान हर क्षेत्र से 20 से 30 हजार नाम हटाए गए है। कुल 65 लाख वोटरों का नाम हटा है जो कि मतदाताओं का 8.5 प्रतिशत हिस्सा है। तेजस्वी ने सवाल किया कि क्या चुनाव आयोग ने इन लोगों को नाम हटाने का कोई नोटिस दिया है। उन्होंने कहा कि यह ड्राफ्ट देखने के बाद यह साफ हो गया है कि आयोग टारगेटेड काम कर रहा है। तेजस्वी ने आयोग से सवाल किया कि वह पारदर्शिता क्यों नहीं रख पा रहा है। तेजस्वी ने यह भी कहा कि उनके साथ साथ उनके स्टाफ में काम करने वाले एक व्यक्ति का नाम भी इस लिस्ट में नहीं है।
तेजस्वी ने आगे कहा, चुनाव आयोग अपने विज्ञापन में यह जानकारी देता है कि कितने वोटर स्थानांतरित हुए है, कितने मर चुके है और कितनों के नाम डुप्लिकेट है। लेकिन चुनाव आयोग ने इस बार जो सूची उपलब्ध कराई है उसमें बड़ी चतुराई से किसी वोटर का पता, बूथ संख्या और ईपीआईसी संख्या नहीं दी गई है। जिससे यह पता न चल पाए कि किन लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए है।
Updated on:
02 Aug 2025 03:47 pm
Published on:
02 Aug 2025 01:44 pm