तमिलनाडु के तिरुवरूर जिले में रिश्तों को शर्माशार कर देने वाला एक मामला सामने आया है। यहां एक कलयुगी पिता ने अपने ही नवजात बेटे को डेढ़ लाख रुपये में बेच दिया, जिसके बाद उसकी मां की शिकायत की मदद से पुलिस ने बच्चे को रेसक्यू किया। बाल तस्करी के इस मामाले में पुलिस ने बच्चे के पिता समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। बच्चा बिल्कुल सुरक्षित है और फिलहाल उसे सरकारी बाल गृह में रखा गया है।
दरअसल बच्चे की मां संतोषकुमारी एक विधवा है वह दिनेश नामक एक व्यक्ति के साथ रिश्ते में थी। संतोषकुमारी ने पुलिस को बताया कि 25 जुलाई को दिनेश और उसकी मां कुछ लोगों के साथ उसके घर आए थे और जबरन उसके बच्चे को छीन कर ले गए। उसने बताया कि, बच्चे के जन्म 13 जुलाई को तंजावुर सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हुआ था। इसके कुछ बाद जब वह अपने घर लौटी तो उससे उसका बच्चा छिन लिया गया।
पुलिस के अनुसार, दिनेश पहले से शादीशुदा है और उसके एक बच्चा भी है। उसने अपनी मां वासुगी और विनोद नाम के एक ब्रोकर के साथ मिलकर अपने बच्चे को बेचने की साजिश रची थी। इसके बाद उसने बच्चे को मन्नारगुड़ी तालुका के अदिचापुरम गांव के रहने वाले राधाकृष्णन और उनकी पत्नी विमला को बेच दिया था। इस दंपती के अपनी कोई औलाद नहीं है।
संतोषकुमारी की शिकायत के आधार पर पुलिस ने बच्चे की तलाश शुरु की और मामले का खुलासा किया। इस मामले में पुलिस ने बच्चे के पिता दिनेश, उसकी मां वासुगी, दलाल विनोद और उसे गोद लेने वाले दंपती को भी गिरफ्तार किया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि, हमें बच्चे को तुरंत उसकी मां को सौंपकर उसे ख़तरे में नहीं डालना है। उसे उचित काउंसलिंग और मूल्यांकन के बाद ही मां को सौंपा जाएगा।
Published on:
02 Aug 2025 05:23 pm