Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तेलंगाना विधानसभा अध्यक्ष की ओर से सत्तारूढ़ कांग्रेस में शामिल हुए भारत राष्ट्र समिति (BRS) विधायकों की अयोग्यता की याचिकाओं पर निर्णय लेने में देरी पर सवाल उठाए। SC ने सवाल किया, 'क्या ऐसा हो सकता है कि ऑपरेशन तो सफल हो जाए, लेकिन मरीज मर जाए? जज बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह कीसुप्रीम कोर्ट की बेंच ने राज्य सरकार, स्पीकर कार्यालय, तेलंगाना विधानसभा सचिव, भारत के चुनाव आयोग और दलबदलू विधायकों से अगली सुनवाई से पहले जवाब मांगा है। कोर्ट की अगली सुनवाई 25 मार्च को होगी।
सुप्रीम कोर्ट के जज बीआर गवई ने पूछा, "ऐसा नहीं हो सकता कि ऑपरेशन तो सफल हो जाए, लेकिन मरीज़ मर जाए। अयोग्यता नोटिस पर फैसला करने का सही समय क्या है? क्या यह स्पीकर के कार्यकाल के अंतिम समय में होना चाहिए? लोकतांत्रिक मानदंडों का क्या होगा?"
एक याचिका में सत्तारूढ़ कांग्रेस में शामिल हुए तीन BRS विधायकों की अयोग्यता पर तेलंगाना हाई कोर्ट के नवंबर 2024 के आदेश को चुनौती दी गई है, जबकि दूसरी याचिका दलबदल करने वाले बाकि 7 विधायकों के बारे में है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर को नोटिस जारी किए बिना कोर्ट को सूचित करने के लिए समय दिया था। लेकिन आज स्पीकर की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी और मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि चूंकि कोई नोटिस जारी नहीं किया गया है, इसलिए कोई जवाब दाखिल नहीं किया जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "हालांकि, यह तकनीकी है, लेकिन हम नहीं चाहते कि यह कहा जाए कि मामले का फैसला न्याय के सिद्धांतों के विरुद्ध किया गया। इसलिए हम नोटिस जारी करते हैं। इस पर 25 मार्च तक जवाब देना है।" शीर्ष अदालत ने कहा कि न्यायिक रजिस्ट्रार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नोटिस अध्यक्ष तक पहुंचाया जाए।
2023 के चुनाव में कांग्रेस ने BRS को करारी शिकस्त दी है। कांग्रेस पार्टी ने 119 विधानसभा सीटों में से 64 सीटें जीती हैं। के चंद्रशेखर राव की पार्टी जिसने पिछले चुनाव में 88 सीटें जीती थीं, इस बार सिर्फ़ 39 सीटें ही जीत पाई है, जबकि भारतीय जनता पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम को आठ और सात सीटें मिली हैं।
Published on:
04 Mar 2025 06:44 pm