पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हालिया हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) की रिपोर्ट ने राज्य की सियासत को गरमा दिया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस रिपोर्ट के आधार पर तृणमूल कांग्रेस (TMC) सरकार पर 'हिंदू विरोधी' होने का गंभीर आरोप लगाया है। BJP नेताओं का दावा है कि SIT की रिपोर्ट में मुर्शिदाबाद हिंसा में हिंदू समुदाय को निशाना बनाने और TMC नेताओं की संलिप्तता की बात सामने आई है।
SIT की रिपोर्ट, जो 21 मई 2025 को सामने आई, में दावा किया गया है कि 11 अप्रैल 2025 को मुर्शिदाबाद के धूलियान और शमशेरगंज इलाकों में हुई हिंसा में हिंदुओं को चुन-चुनकर निशाना बनाया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, हिंसा के दौरान स्थानीय TMC नेताओं, जिसमें एक पार्षद और विधायक शामिल थे, की मौजूदगी थी। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल पुलिस पर भी पीड़ितों की मदद न करने और हिंसा को रोकने में निष्क्रियता बरतने का आरोप लगा है।
BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मुर्शिदाबाद की हिंसा 'हिंदुओं के खिलाफ सुनियोजित' थी और TMC नेताओं ने इसमें सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने पुलिस की निष्क्रियता को 'TMC के इशारे पर काम करने' का सबूत बताया। BJP के IT सेल प्रमुख अमित मालवीय ने भी दावा किया कि हिंदू परिवारों के घरों को चिह्नित कर जलाया गया और स्थानीय मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने हमलावरों की मदद की। विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने इसे 'TMC की तुष्टिकरण नीति' का परिणाम बताते हुए 2026 के विधानसभा चुनावों में राष्ट्रपति शासन की मांग की।
TMC ने इन आरोपों को 'राजनीति से प्रेरित' और 'BJP की सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की साजिश' करार दिया। TMC नेता कुणाल घोष ने कहा कि ममता बनर्जी की सरकार ने हिंसा के बाद सभी जरूरी कदम उठाए, जिसमें 300 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी शामिल है। उन्होंने BJP पर शांति भंग करने और सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया। TMC प्रवक्ता रिजु दत्ता ने कहा कि BJP का एकमात्र मकसद हिंदू-मुस्लिम विभाजन कर 2026 के चुनावों में लाभ लेना है।
मुर्शिदाबाद में हिंसा वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान भड़की थी, जिसमें तीन लोगों की मौत और कई घायल हुए थे। BJP ने इसे 'हिंदुओं पर सुनियोजित हमला' बताया, जबकि TMC ने इसे BJP की साजिश करार दिया। हिंसा के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट ने केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया था, जिसे BJP ने राज्य सरकार की नाकामी का सबूत बताया।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण की रणनीति का हिस्सा है। BJP की 'हिंदू हिंदू भाई भाई, 2026 BJP चाहिए' की रणनीति और 5% हिंदू वोट शिफ्ट की योजना ममता बनर्जी की TMC के लिए चुनौती बन सकती है। दूसरी ओर, ममता बनर्जी ने अपनी हिंदू पहचान को उजागर कर और रामनवमी जैसे आयोजनों में TMC की भागीदारी बढ़ाकर 'सॉफ्ट हिंदुत्व' की रणनीति अपनाई है।
मुर्शिदाबाद में स्थिति अब नियंत्रण में बताई जा रही है, लेकिन सियासी तनाव चरम पर है। BJP ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जांच की मांग की है, जबकि TMC ने इसे केंद्र की साजिश बताया। यह विवाद पश्चिम बंगाल की राजनीति में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को और गहरा सकता है, जिसका असर आगामी चुनावों पर पड़ना तय माना जा रहा है।
Updated on:
23 May 2025 07:46 am
Published on:
23 May 2025 07:43 am