विपक्ष के हंगामे के चलते आज भी राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। बीतें दिन भी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी नेताओं ने जमकर हंगामा किया था, जिसके चलते कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। इसके बाद आज फिर से सांसदों ने नियम 267 के तहत कुछ मुद्दों पर चर्चा की मांग की, जिसे उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने अस्वीकार कर दिया जिसके बाद विपक्ष ने जमकर राज्यसभा में हंगामा किया। इस नियम के तहत सदन के अन्य सभी कार्यों को स्थगित करके दिए गए विषयों पर चर्चा कराई जाती है और इसके अंत में वोटिंग का भी प्रावधान होता है।
विपक्षी सांसदों ने सदन की कार्यवाही शुरु होने के साथ ही कुछ खास विषयों पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी। इसमें कांग्रेस, आप, आरजेडी और तृणमूल कांग्रेस समेत कई कई विपक्षी सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के गहन रिव्यू के मुद्दे पर नियम 267 के तहत चर्चा की मांग उठाई। वहीं कुछ अन्य सांसदों ने अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 25 प्रतिशत टैरिफ पर चर्चा का मुद्दा उठाया।
इन सभी मांगों को उपसभापति ने अस्वीकार कर दिया जिसके बाद विपक्षी सांसद हंगामा करने लगे। इसके चलते पहले कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित किया गया लेकिन कार्यवाही दूबारा शुरु होने पर भी विपक्षी सांसदों ने हंगामा जारी रखा जिसके चलते कार्यवाही को सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। उपसभापति ने बताया कि विपक्ष के 28 सांसदों ने उनके सामने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग उठाई थी।
उपसभापति के अनुसार, सासंद सस्मित पात्रा, सुलता देव, सुभाशीष खुटिया, निरंजन बिशी, मानस रंजन समेत कई अन्यों ने उड़ीसा में गंभीर अपराधों, महिलाओं व गर्ल चाइल्ड के साथ होने वाले अपराधों पर चर्चा की मांग की थी। वहीं, तृणमूल कांग्रेस के रीतीब्रता बनर्जी, सागरिका घोष व डीएमके के तिरुचि आदि सांसदों ने देश के विभिन्न हिस्सों में पश्चिम बंगाल के कामगारों के साथ भेदभाव के मुद्दे पर चर्चा के लिए हंगामा किया। इसके साथ ही अमेरिकी टैरिफ पर चर्चा की मांग को लेकर भी कुछ सांसदों ने नारेबाजी की। पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे पर चर्चा की मांग भी इस दौरान एक अहम मुद्दा रहा।
Published on:
01 Aug 2025 04:37 pm