पंजाब इस समय दशकों की सबसे भीषण बाढ़ आपदा से जूझ रहा है। भारी बारिश और हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर से आने वाले पानी के कारण सतलुज, ब्यास, रावी और घग्घर नदियों में उफान आया है, जिससे राज्य के 23 जिलों में 1902 गांव पानी में डूब गए हैं। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 43 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 3.55 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ ने 1.71 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को तबाह कर दिया, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है।
गुरदासपुर जिला सबसे अधिक प्रभावित है, जहां 324 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। इसके अलावा अमृतसर (135 गांव), होशियारपुर (119 गांव), कपूरथला (115 गांव), फिरोजपुर (76 गांव) और फाजिल्का (72 गांव) में भी भारी तबाही मची है। बरनाला, मानसा, पटियाला और जालंधर जैसे जिलों में भी बाढ़ ने खेतों, घरों और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया है।
पंजाब सरकार ने राज्य को आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया है। बरनाला में एक बुजुर्ग दंपति की घर ढहने से मौत हो गई। पठानकोट में 6, होशियारपुर, अमृतसर, लुधियाना, मानसा, रूपनगर और बरनाला में 3-3 लोगों की जान गई है। राहत और बचाव कार्यों में सेना, वायुसेना, एनडीआरएफ, बीएसएफ और स्थानीय प्रशासन जुटा हुआ है। अब तक 19,597 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, जिनमें से गुरदासपुर में 5,581 और फिरोजपुर में 3,432 लोग शामिल हैं। राज्य में 174 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें से 74 सक्रिय हैं।
बाढ़ ने 3.75 लाख एकड़ से अधिक कृषि भूमि को जलमग्न कर दिया है, खासकर धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है। गुरदासपुर में 1 लाख एकड़ से ज्यादा फसल बर्बाद हुई है, जबकि अमृतसर में 56,834 एकड़ और मानसा में 42,020 एकड़ फसल प्रभावित हुई है। पशुधन को भी भारी नुकसान हुआ, जिससे ग्रामीण परिवारों की आजीविका खतरे में पड़ गई है।
पटियाला के पात्रा में घग्घर नदी के पास गांवों के लिए हाई अलर्ट जारी किया गया है। पंजाब सरकार ने सभी शिक्षण संस्थानों को 7 सितंबर तक बंद रखने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया और केंद्र सरकार से मदद की अपील की है। AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल गुरुवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने वाले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सीएम मान से बात कर हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।
Published on:
05 Sept 2025 11:07 am