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मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर PM मोदी ने ममता बनर्जी पर साधा निशाना, बंगाल ‘स्वार्थी राजनीति’ से ग्रस्त

PM Modi on TMC: पीएम मोदी ने TMC पर निशाना साधते हुए कहा, 'मुर्शिदाबाद और मालदा में जो कुछ हुआ, वह टीएमसी सरकार की निर्ममता का उदाहरण है।'

पीएम नरेंद्र मोदी गुरुवार को बिहार में रोड शो करेंगे. (फोटो - IANS)

पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार में 29 मई 2025 को एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने मुर्शिदाबाद और मालदा में हाल की हिंसा को लेकर तृणमूल कांग्रेस (TMC) की ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने टीएमसी पर तुष्टिकरण की राजनीति करने और हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया, जिससे राज्य में गरीब माताओं-बहनों की जिंदगी भर की पूंजी "राख" हो गई।

मुर्शिदाबाद हिंसा पर पीएम का बयान

पीएम मोदी ने कहा, "मुर्शिदाबाद और मालदा में जो कुछ हुआ, वह टीएमसी सरकार की निर्ममता का उदाहरण है। तुष्टिकरण के नाम पर गुंडागर्दी को खुली छूट दी गई है।" उन्होंने ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि उनकी सरकार ने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में पीड़ितों की मदद करने के बजाय स्वार्थी राजनीति को प्राथमिकता दी। पीएम ने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल कई संकटों से जूझ रहा है, जिसमें समाज में फैली हिंसा, अराजकता और महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध शामिल हैं।

क्या था मुर्शिदाबाद मामला?

मुर्शिदाबाद में हाल ही में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में भड़की हिंसा ने सुर्खियां बटोरीं। बीजेपी ने इस हिंसा के लिए टीएमसी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। बीजेपी के पश्चिम बंगाल प्रभारी मंगल पांडेय ने दावा किया कि कलकत्ता हाईकोर्ट की एक समिति की रिपोर्ट ने टीएमसी के स्थानीय नेताओं और विधायकों पर हिंसा भड़काने और पुलिस को निष्क्रिय रखने का आरोप लगाया है।

ममता का जवाब

दूसरी ओर, ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद हिंसा के लिए बीजेपी और बीएसएफ पर ठीकरा फोड़ा। 5 मई 2025 को अपने दौरे के दौरान उन्होंने दावा किया कि हिंसा "पूर्व नियोजित" थी और बीएसएफ द्वारा गोलीबारी ने स्थिति को और भड़काया। उन्होंने बीजेपी पर सांप्रदायिक तनाव फैलाने का भी आरोप लगाया।

राजनीतिक घमासान

इस मुद्दे ने पश्चिम बंगाल में सियासी तनाव को और बढ़ा दिया है। बीजेपी नेताओं ने ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की है, जबकि टीएमसी ने केंद्र सरकार पर सांप्रदायिक नफरत फैलाने का पलटवार किया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी मुर्शिदाबाद हिंसा की जांच से संबंधित जनहित याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिससे यह मामला और चर्चा में है।

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