4 अगस्त 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

पहलगाम हमले के फर्जी दस्तावेज सोशल मीडिया पर वायरल, रक्षा मंत्रालय ने दी चेतावनी

इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ ने पहलगाम आतंकी हमले में शामिल आतंकियों के कथित पाकिस्तानी पहचान-पत्र और फोरेंसिक रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया अकाउंट्स पहलगाम हमलावरों की पहचान और पृष्ठभूमि पर एक रिपोर्ट फैला रहे हैं, जो फर्जी है।

राजनाथ सिंह (Photo-IANS)

Defence Ministry in Pahalgam Terror Attack: रक्षा मंत्रालय के अधीन इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (IDS) ने पहलगाम आतंकी हमले में शामिल आतंकियों के कथित पाकिस्तानी पहचान-पत्र और फोरेंसिक रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। IDS ने अपने आधिकारिक अकाउंट से स्पष्ट किया कि सशस्त्र सेनाओं ने ऐसी कोई रिपोर्ट तैयार या जारी नहीं की। सोशल मीडिया पर वायरल इन दस्तावेजों को फर्जी करार देते हुए, IDS ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की।

सोशल मीडिया पर वायरल फर्जी दस्तावेज

पहलगाम आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया पर कुछ दस्तावेज और कथित फोरेंसिक व बैलिस्टिक रिपोर्ट्स वायरल हुई थीं। इनमें दावा किया गया कि हमले में प्रयुक्त हथियारों से चलाई गई गोलियों का मिलान मौके से बरामद खोखों से हुआ। हालांकि, इन दस्तावेजों में उन हथियारों का जिक्र नहीं था, जो मारे गए आतंकियों के पास से बरामद हुए। IDS ने इन दस्तावेजों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि यह गलत सूचना का हिस्सा है।

BJP प्रवक्ता के पोस्ट पर सवाल

सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने भी अपने X अकाउंट पर इन कथित दस्तावेजों को साझा किया था। IDS ने उनके और अन्य सोशल मीडिया अकाउंट्स के स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लोगों को ऐसी सूचनाओं पर भरोसा न करने की सलाह दी। IDS ने कहा कि सशस्त्र सेनाओं के किसी अधिकृत हैंडल या प्रवक्ता ने इस तरह का कोई बयान जारी नहीं किया।

28 जुलाई को हुआ था एनकाउंटर

28 जुलाई को श्रीनगर के दाचीगाम जंगलों में भारतीय सेना और सुरक्षाबलों ने पहलगाम हमले के तीन पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अगले दिन संसद में इसकी जानकारी दी। सेना की चिनार कोर ने आतंकियों के पास से बरामद दो एके-सीरीज राइफल और एक एम-4 राइफल की तस्वीरें साझा की थीं।

IDS का जनता को संदेश

IDS ने स्पष्ट किया कि इस तरह की फर्जी सूचनाएं देश की सुरक्षा के लिए खतरा हो सकती हैं। जनता से अपील की गई कि केवल आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें और सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली अपुष्ट खबरों से बचें।