ओडिशा के पुरी जिले में एक 15 साल की मासूम को सड़क पर सरेआम जला दिया गया था। बच्ची का शरीर 75 प्रतिशत तक जल गया था। उसे बचाने के लिए दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था, लेकिन शनिवार को अस्पताल में नाबालिग ने अपना दम तोड़ दिया।
अब ओडिशा पुलिस ने इस मामले में आधिकारिक बयान जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि लड़की को किसी ने नहीं जलाया था। ऐसे में अब सवाल यह उठ रहा कि जब किसी ने जलाया ही नहीं तो आग आखिर कैसे लगी?
शुरुआत में यह जानकारी दी गई थी उसे तीन अज्ञात हमलावरों ने सरेआम आग लगा दी थी, लेकिन अब ओडिशा पुलिस ने उसकी मौत के बाद एक बयान में कहा कि उनकी जांच से पता चला है कि इस घटना में कोई अन्य व्यक्ति शामिल नहीं है।
ओडिशा पुलिस ने अपने एक्स पर कहा कि बलंगा घटना में पीड़िता की मौत की खबर सुनकर हमें गहरा दुख हुआ है। पुलिस ने गंभीरता पूरे मामले की जांच की है। जांच लगभग अंतिम चरण में हैं।
अब तक की जांच से यह स्पष्ट हो चुका है कि इस घटना में कोई अन्य व्यक्ति शामिल नहीं है। ऐसे में हम सभी से अनुरोध करते हैं कि इस दुखद घड़ी में इस संबंध में कोई भी असंवेदनशील टिप्पणी न करें।
वहीं, ओडिशा के सीएम मोहन चरण माझी ने बच्ची की मौत के बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी किया है। इसमें उन्होंने गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि सरकार के सभी प्रयासों और एम्स दिल्ली की विशेषज्ञ चिकित्सा टीम के चौबीसों घंटे प्रयासों के बावजूद, उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। मैं बच्ची की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।
बता दें कि बुरी तरह से जल जाने के एक दिन बाद, लड़की को भुवनेश्वर से एयरलिफ्ट कर दिल्ली ले जाया गया था। तब, सूत्रों ने बताया था कि पुरी में एक सुनसान जगह पर मोटरसाइकिल सवार तीन बदमाशों ने लड़की को जलाया था।
उस वक्त यह भी बताया गया था कि हमलावरों ने अपने चेहरे पर रूमाल बांध रखा था। उन्होंने लड़की ज्वलनशील पदार्थ डाला और भागने से पहले उसे आग लगा दी।
उसकी चीखें सुनकर, आसपास के लोग उसकी मदद के लिए दौड़े और उसे अस्पताल पहुंचाया। बाद में उसे दिल्ली ले जाने से पहले एम्स भुवनेश्वर ले जाया गया।
Published on:
03 Aug 2025 08:22 am