
जस्टिस सूर्य कांत (Photo: IANS)
Justice Surya Kant Family Assets: भारत के मौजूदा मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई (BR Gavai) ने जस्टिस सूर्य कांत के नाम की सिफारिश देश के अगले सीजेआई के लिए कर दी है। सीजेआई गवई 23 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। केंद्र सरकार जस्टिस गवई की सिफारिश मान लेती है (जिसकी पूरी संभावना है) तो न्यायाधीश सूर्य कांत 24 नवंबर को 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। उनका कार्यकाल 9 फरवरी 2027 तक होगा। इस बीच उनकी संपत्ति सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय है।
जस्टिस सूर्य कांत के पास कई मकान, प्लॉट और खेत हैं। नौ में से एक अचल संपत्ति ऐसी है जो अकेले जस्टिस कांत या उनकी पत्नी के नाम है।
इन सभी के मालिकाना दस्तावेज में इनकी पत्नी का भी नाम है। गुरुग्राम के डीएलएफ-2 में 250 वर्ग गज का एक घर है, जो अकेले जस्टिस सूर्य कांत के नाम पर है। 500 वर्ग गज का एक प्लॉट इको सिटी-II, न्यू चंडीगढ़ में भी है, जो केवल पत्नी के नाम है।
जस्टिस कांत के पास पुश्तैनी संपत्ति भी है। हरियाणा के हिसार जिले के पेटवार गांव में 12 एकड़ पुश्तैनी खेत है, जिसमें एक-तिहाई हिस्सा जस्टिस सूर्य कांत का है। अर्बन एस्टेट-II (हिसार) में 250 वर्ग गज के एक मकान में भी इनका एक-तिहाई हिस्सा है। यह मकान पिता से विरासत में मिला है।
पत्नी के पास एक किलो सोना, छह किलो चांदी, कार के नाम पर केवल वैगन आर है। चल संपत्ति की बात करें तो जस्टिस सूर्य कांत के पास 100 ग्राम सोने के आभूषण और तीन कीमती घड़ियों के अलावा कुछ नहीं है। लेकिन पत्नी के पास करीब एक किलो सोना और छह किलो चांदी के जेवर व अन्य सामान हैं। दो बेटियों के पास भी सौ-सौ ग्राम सोने के जेवर हैं। पत्नी के पास वैगन आर गाड़ी भी है। परिवार में एक मात्र यही गाड़ी है।
जस्टिस सूर्य कांत के पास 4,11,22,395 रुपये और पत्नी के पास 1,96,98,377 रुपये की एफडी (मार्च 2025 तक सूद समेत) है। इसके अलावा 15 फ़िक्स्ड डिपॉज़िट खाते (हिंदू अविभाजित परिवार कानून के तहत) हैं, जिनमें 1,92,24,317 रुपये हैं।
जस्टिस सूर्य कांत के जीपीएफ खाते में 3,74,03,026 रुपये जमा हैं, जबकि पत्नी के नाम पीपीएफ खाता है। पत्नी के पीपीएफ खाते में 49,90,733 रुपये जमा हैं। दो बेटियों के नाम भी पीपीएफ खाते हैं, जिनमें 95 लाख रुपये से ज्यादा जमा हैं।
जस्टिस सूर्य कांत का जन्म 1962 में 10 फरवरी को हरियाणा में हुआ था। उन्होंने 1981 में हिसार से ग्रेजुएशन और 1984 में रोहतक से LLB की पढ़ाई की। उन्होंने 1984 में हिसार जिला कोर्ट से करियर की शुरुआत की। एक साल बाद ही पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय में वकालत करने के लिए चंडीगढ़ चले गए। मार्च 2001 में वह वरिष्ठ अधिवक्ता बने।
9 जनवरी, 2004 को वह पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में जज बने। 5 अक्टूबर, 2018 को वह हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस बने। 24 मई, 2019 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया।
भारत में CJI की नियुक्ति वरिष्ठता के आधार पर होती है। सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज को ही CJI बनाया जाता है। न्यायमूर्ति सूर्य कांत वर्तमान में सबसे वरिष्ठ हैं, इसलिए 24 नवंबर, 2025 को बतौर सीजेआई उनके शपथ लेने की पूरी संभावना है।
Updated on:
31 Oct 2025 05:37 pm
Published on:
31 Oct 2025 02:03 pm
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