Bihar Politics: बिहार में साल के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई है। राजद नेता तेजस्वी यादव के आवास पर बुधवार को महागठबंधन की बैठक हुई। इस बैठक से महागठबंधन का हिस्सा विकासशील इंसान पार्टी के मुखिया मुकेश सहनी ने दूरी बनाई। अब सस्पेंस गहराता जा रहा है कि विकासशील इंसान पार्टी की सियासत किस करवट बैठेगी। दरअसल, इससे पहले मुकेश सहनी ने 60 सीटों की डिमांड की थी।
दरअसल, दो दिन पहले ही VIP अध्यक्ष मुकेश सहनी ने सोशल मीडिया पर पार्टी का एजेंडा शेयर किया था। उन्होंने लिखा- पार्टी 60 सीटों पर लड़ेगी और शेष सीटों पर सहयोगी दल के प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा पार्टी 50 प्रतिशत सीटों पर अति पिछड़ा वर्ग और एससी-एसटी समाज के प्रत्याशियों को चुनाव में उतारेगी।
बता दें कि बुधवार को तेजस्वी यादव के घर हुई महागठबंधन की बैठक में कांग्रेस से लेकर लेफ्ट के नेता मौजूद थे। लेकिन इस बैठक में मुकेश सहनी ने शिरकत नहीं की। इसके बाद अब सवाल उठने लग गए है कि क्या मुकेश सहनी सियासी पाला बदलने की तैयारी में है। मुकेश सहनी को एनडीए की तरफ से भी ऑफर दिया जा रहा है।
वीआईपी अध्यक्ष सहनी द्वारा 60 सीटों की डिमांड करने पर तेजस्वी यादव के लिए परेशानी का सबब बन गया है। विधानसभा चुनाव को लेकर अभी तक महागठबंधन में सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है। ऐसे में 60 सीट की डिमांड करके सहनी की अपेक्षाएं पूरी करना तेजस्वी यादव के लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि हर पार्टी ज्यादा से ज्यादा सीट मांगना चाहेगी। बैठक में मुकेश सहनी की जगह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने शिरकत की है।
बता दें कि महागठबंधन में मुकेश सहनी 60 सीटों के अलावा अपने लिए डिप्टी सीएम पद की भी मांग कर रहे हैं। मुकेश सहनी लगातार डिप्टी सीएम पद की मांग कर रहे है और कह रहे हैं कि यदि वे डिप्टी सीएम नहीं बने तो तेजस्वी यादव भी सीएम नहीं बन पाएंगे। मुकेश सहनी की यह चुनौती महागठबंधन के लिए चिंता का सबब बन रही है।
बता दें कि महागठबंधन में तेजस्वी के सामने सबसे बड़ी चुनौती सीटों का बंटवारा है, क्योंकि महागठबंधन में RJD के अलावा कांग्रेस, सीपीआई, सीपीआई (ML) और पशुपति पारस की एलजेपी भी है। इसके साथ ही मुकेश सहनी की भी वीआईपी पार्टी है।
एनडीए की तरफ से भी मुकेश सहनी को ऑफर दिया जा रहा है। नीतीश सरकार के मंत्री संतोष सुमन ने कहा कि महागठबंधन से मुकेश सहनी ऊब गए हैं, जहां पर उन्हें सम्मान और मौका नहीं मिल रहा है। अगर वे एनडीए में शामिल होना चाहते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे।
बता दें कि मुकेश सहनी पहले भी पाला बदल चुके है। दरअसल, 2020 विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने महागठबंधन में 25 सीटें और डिप्टी सीएम का पद मांगा था। जब उन्हें पता चला कि उनकी यह मांग पूरी नहीं होगी तो प्रेस कॉन्फ्रेंस के बीच में खड़े होकर चले गए और महागठबंधन से अलग हो गए। इसके बाद वे एनडीए में शामिल हो गए। बीजेपी ने अपने कोटे से फिर मुकेश सहनी को 11 सीटें दी थी, जिनमें से महज 4 सीटों पर ही जीत दर्ज की। अब एक बार फिर महागठबंधन की बैठक में शामिल नहीं होने पर सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या इस बार भी मुकेश सहनी पाला बदलेंगे या नहीं?
Published on:
30 Jul 2025 07:38 pm