ChatGPT की सलाह से एक 60 वर्षीय व्यक्ति मरते-मरते मचा है। मामला अमेरिका के न्यूयॉर्क का है। जहां व्यक्ति ने चैटजीपीटी से पूछा कि खाने से नमक (सोडियम क्लोराइड) को कैसे हटाया जाए? क्योंकि उसने कहीं पढ़ा था कि खाने में नमक डालने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
सवाल पूछे जाने के बाद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) चैटबॉट ने जो सलाह दी, उसे व्यक्ति फॉलो करने लगा। उसने अपने खाने में नमक को डालना पूरी तरह से बंद कर दिया। उसकी जगह पर सोडियम ब्रोमाइड का इस्तेमाल करता रहा।
दरअसल, साल 1900 के समय में सोडियम ब्रोमाइड को आमतौर पर दवाओं में इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन अगर इसे बड़ी मात्रा में लिया जाए तो यह जहर का काम करता है।
अमेरिकन कॉलेज ऑफ फिजिशियन जर्नल्स में इस मामले को छापा गया है। केस रिपोर्ट के मुताबिक, 60 वर्षीय व्यक्ति चैटजीपीटी की सलाह पर पिछले तीन महीने से सोडियम ब्रोमाइड का इस्तेमाल कर रहा था।
जब उसकी तबीयत बिगड़ी तो उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसने अपने पड़ोसी पर जहर देने का आरोप लगा दिया। उसने कहा कि उसका पड़ोसी उसे जहर दे रहा था।
डॉक्टर भी उसके हेल्थ को लेकर चकित थे। शुरू में मरीज से जब पूछा गया कि उसने सप्लीमेंट्स या कोई दवा खाई थी क्या? तो उसका जवाब 'ना' था, लेकिन भर्ती होने पर उसने बताया कि वह खान-पान पर कंट्रोल रखता है। घर पर पानी भी खुद बनाता है। इसके बाद तहकीकात शुरू हुई।
अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान, उसमें त्वचा संबंधी समस्याओं के साथ-साथ गंभीर न्यूरोसाइकियाट्रिक लक्षण भी दिखे। जिनमें मतिभ्रम जैसे लक्षण भी शामिल थे। केस रिपोर्ट में लिखा था कि उसे बहुत प्यास लगी थी, लेकिन वह अस्पताल में दिए जाने वाले पानी पीने से बचता भी था।
रिपोर्ट में आगे बताया गया कि उसका इलाज तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट्स से किया गया। फिर उसकी हालत स्थिर हो गई, जिससे उसे अस्पताल की मनोरोग यूनिट में भर्ती कराया जा सका।
रिपोर्ट में बताया गया है कि चैटजीपीटी से अपने खान-पान के बारे में सलाह लेने के बाद मरीज को ब्रोमिज़्म हो गया था। चैटजीपीटी में मरीज ने पढ़ा था कि क्लोराइड को ब्रोमाइड से बदलकर स्वस्थ्य को सही रखा जा सकता है।
Published on:
10 Aug 2025 10:53 am