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Malegaon Blast के आरोपी समीर कुलकर्णी का दावा, ‘UPA सरकार ने रची थी भगवा को बदनाम करने की साजिश’

Malegaon Blast: समीर कुलकर्णी ने कहा कि कांग्रेस हिंदू वोटरों के समर्थन से दशकों तक सत्ता में रही, लेकिन उसने हमेशा विश्वासघात किया। उन्होंने कहा कि भगवा को बदनाम करने की साजिश रची गई थी।

समीर कुलकर्णी ( फोटो: IANS)
समीर कुलकर्णी ( फोटो: IANS)

Malegaon Blast Accused Sameer Kulkarni: महाराष्ट्र के मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को हुए बम धमाके के मामले में आज यानी गुरुवार, 31 जुलाई को NIA कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। बम धमाके में 6 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 100 लोग घायल हुए थे।

भगवा को बदनाम करने की थी साजिश

मामले में आरोपी समीर कुलकर्णी (Sameer Kulkarni) ने कहा कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और NCP नेता शरद पवार और अन्य ने मिलकर 2009 के आम चुनावों को प्रभावित करने के लिए भगवा को बदनाम करने की साजिश रची थी। कुलकर्णी ने दावा कि किया कि यह मामला राजनीतिक साजिश का था। इसका मकसद देशभक्तों और धार्मिक हस्तियों की छवि को खराब करना था।

17 साल से कर रहे थे इस दिन का इंतजार

कुलकर्णी ने कहा कि पिछले 17 साल से हम इस दिन का इंतजार कर रहे। आज न्यायालय ने हमारी बेगुनाही पर मुहर लगाई। जो सच्चाई पहले दिन से हमें, यूपीए सरकार और जांच एजेंसी को पता थी। आज इसे पूरी दुनिया जान लेगी। उन्होंने कहा कि
जांच सरकार के दबाव में की गई। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार देशभक्तों, धार्मिक लोगों और संतों को आतंकवादी कहा गया।

हिंदुओं के विश्वास के प्रतीक को बदनाम किया गया

कांग्रेस ने हमारे विश्वास के प्रतीक, पवित्र भगवा और हिंदू शब्दों को विश्विक मंच पर बदनाम किया। मुख्य आरोपी शरद पवार, दिग्विजय सिंह, सुशील कुमार शिंदे, शिवराज पाटिल, शकील अहमद पटेल, सोनिया गांधी और राहुल गांधी हैं। जिन्होंने 2009 के आम चुनाव को ध्यान में रखकर यह साजिश रची।

सेना के अधिकारी के साथ किया बुरा बर्ताव

उन्होंने लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित के साथ हुए व्यवहार की निंदा करते हुए कहा कि एक कर्तव्यनिष्ठ सैन्य अधिकारी, जिसने देश की सेवा की, उसे आरोपी बना दिया गया। एक रिटायर्ड सैन्य अधिकारी को आतंकवादी करार दिया और 1993 के मुंबई धमाकों के बाद लोगों की जान बचाने वाले अधिकारी के 17 साल बर्बाद कर दिए। कुलकर्णी ने कहा कि मामले में कई अनियमितता बरती गईं। मूल एफआईआर, हलफनामा और इकबालिया बयान गायब हैं।

केस से जुड़े गवाह के बयान में खामियों की ओर इशारा करते हुए कुलकर्णी ने कहा कि एटीएस के मुख्य गवाह ने अपने बयान में कहा था कि उसे उस दिन की घटनाओं के क्रम पर भरोसा नहीं था। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि हिंदू वोटरों के समर्थन से दशकों तक सत्ता में रहने के बावजूद पार्टी ने हिंदू समाज के साथ विश्वासघात किया।

उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति दुनिया में होने वाले बम धमाकों का समर्थन नहीं कर सकता। ये कायराना हमले हैं। इन अपराधियों को तुरंत सजा मिलनी चाहिए थी। लेकिन इस मामले का इस्तेमाल राजनीति के लिए किया गया। 17 साल तक टैक्सपेयर्स का पैसा बर्बाद हुआ। इसके लिए जिम्मेदार कौन है?