Kolkata law college rape case: कोलकाता के साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में 24 वर्षीय विधि छात्रा से हुए कथित गैंगरेप केस (Kolkata law college rape) में पुलिस ने मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा (Monojit Mishra) की पहचान की है। पुलिस के मुताबिक, यह घटना कॉलेज परिसर में एक सुरक्षा गार्ड के कमरे में हुई थी और 3 घंटे तक छात्रा को बंधक बना कर उत्पीड़न (law student gangrape case) किया गया। पुलिस का कहना है कि मोनोजीत मिश्रा (31)एक हिस्ट्रीशीटर (Monojit Mishra criminal history) है, और उस पर कालीघाट, कसबा, अलीपुर, हरिदेवपुर और टॉलीगंज थानों में पहले से केस दर्ज हैं। टीएमसी छात्र नेता मोनोजीत मिश्रा (TMC leader rape accused) महिला उत्पीड़न, मारपीट, चोरी, और कॉलेज में तोड़फोड़ जैसे मामलों में पहले से चार्जशीटेड है।
मोनोजीत अलीपुर कोर्ट में क्रिमिनल वकील है और खुद को सोशल मीडिया पर टीएमसी छात्र शाखा का पूर्व अध्यक्ष बताता है। हालांकि कॉलेज से पढ़ाई खत्म हुए चार साल हो गए हैं, वह अब तक कॉलेज से अनौपचारिक रूप से जुड़ा हुआ था।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, 2019 में मोनोजीत पर कॉलेज में एक महिला के कपड़े फाड़ने, 2020 में चोरी, 2022 में महिला से छेड़छाड़, और 2024 में सुरक्षा गार्ड पर हमला करने जैसे मामलों में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है।
कोलकाता पुलिस ने मामले की जांच के लिए 5 सदस्यीय एसआईटी (विशेष जांच दल) गठित की है। अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है:
मोनोजीत मिश्रा (मुख्य आरोपी)
जैब अहमद (19), प्रमित मुखर्जी (20) – दोनों छात्र
पिनाकी बनर्जी – सुरक्षा गार्ड
सरकारी अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट में पीड़िता के शरीर पर जबरदस्ती, नाखून से खरोंच और काटने के निशान मिले हैं। पुलिस ने एक आरोपी के मोबाइल से 1.30 मिनट लंबी आपत्तिजनक वीडियो क्लिप बरामद की है, जिससे पीड़िता के आरोपों की पुष्टि होती है।
पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा कि मोनोजीत ने शादी का प्रस्ताव दिया और इनकार करने पर उसे धमकाया, उसके प्रेमी को मारने और माता-पिता को झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। विरोध करने पर उसे बंधक बनाया गया, पीटा गया और उसके साथ जबरदस्ती की गई।
सामाजिक संगठनों और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने घटना की कड़ी निंदा की है।
सोशल मीडिया पर 'JusticeForSurvivor' ट्रेंड कर रहा है, जहां लोग तेज कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
विपक्षी दलों ने टीएमसी से जुड़े आरोपी के नाम आने पर राजनीतिक संरक्षण के आरोप लगाए हैं।
कई छात्रों और अभिभावकों ने कॉलेज प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
कोलकाता पुलिस की एसआईटी टीम CCTV फुटेज, मोबाइल डेटा और गवाहों के बयान जुटा रही है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, वीडियो क्लिप को फोरेंसिक लैब भेजा जा चुका है ताकि उसकी पुष्टि हो सके।
पीड़िता की मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए उसे काउंसलिंग और कानूनी सहायता दी जा रही है।
आरोपी मोनोजीत मिश्रा की बार काउंसिल से सदस्यता रद्द कराने की प्रक्रिया भी शुरू हो सकती है।
यह मामला कॉलेज परिसरों में महिला सुरक्षा की गंभीर स्थिति को उजागर करता है।
आरोपी का लंबे समय तक कॉलेज से अनौपचारिक रूप से जुड़ा रहना सिस्टम की विफलता दिखाता है।
सवाल उठता है कि एक हिस्ट्रीशीटर को कॉलेज में प्रभावशाली भूमिका निभाने की छूट क्यों दी गई?
क्या कॉलेज प्रशासन ने जानबूझ कर पुराने मामलों की अनदेखी की, जिससे यह घटना हुई?
Published on:
29 Jun 2025 08:39 pm