छह साल पहले 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया था। इस फैसले ने न केवल घाटी के माथे से विशेष दर्जे का कलंक मिटाया, बल्कि शांति, समृद्धि और विकास के नए द्वार भी खोले। जहां कभी पत्थरबाजी, अलगाववाद और आतंक का साया था, वहां आज वंदे भारत ट्रेन की सीटी और ट्यूलिप फेस्टिवल की सांस्कृतिक महक गूंज रही है। रेलवे सुरंग और चिनाब ब्रिज जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स ने दुर्गम इलाकों को जोड़ा, तो निवेश और पर्यटन ने नए कीर्तिमान गढ़े।
अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में हर क्षेत्र में बदलाव की बयार बही है।
जिन हाथों में कभी पत्थर थे, उनमें अब लैपटॉप है। नए मेडिकल कॉलेजों ने स्थानीय छात्रों को MBBS की पढ़ाई के लिए बाहर जाने की जरूरत खत्म की। पर्यटन और निवेश ने घाटी को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया। सांस्कृतिक पुनर्जनन के साथ अमरनाथ यात्रा जैसे धार्मिक आयोजनों में रिकॉर्ड श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
5 अगस्त की तारीख अब इतिहास में दर्ज है। 2019 में अनुच्छेद 370 हटाने और 2020 में अयोध्या में राम मंदिर शिलान्यास जैसे बड़े फैसलों ने इस दिन को ऐतिहासिक बना दिया। अब 2025 में इस तारीख को लेकर सियासी गलियारों में हलचल तेज है। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात, सोमवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, रॉ और आईबी चीफ के साथ अहम बैठक, और मंगलवार को एनडीए संसदीय दल की बैठक ने अटकलों को हवा दी है।
सूत्रों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की चर्चा जोरों पर है। सुप्रीम कोर्ट ने भी दिसंबर 2023 में केंद्र को जल्द से जल्द राज्य का दर्जा बहाल करने का निर्देश दिया था। फारूक अब्दुल्ला ने भी इस मांग को दोहराया है। क्या यह ऐतिहासिक तारीख एक बार फिर बड़ा बदलाव लाएगी?
सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह ने सुरक्षा तैयारियों पर चर्चा की। अनुच्छेद 370 हटने की छठी वर्षगांठ और स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर यह बैठक अहम मानी जा रही है। हाल के महीनों में ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले जैसे घटनाक्रमों ने सुरक्षा को और सुदृढ़ करने की जरूरत को रेखांकित किया है।
जम्मू-कश्मीर अब अतीत को पीछे छोड़ चुका है। आतंकवाद और पत्थरबाजी की जगह शांति और विकास ने ले ली है। क्या 5 अगस्त 2025 को मोदी सरकार एक बार फिर इतिहास रचेगी? देश की निगाहें संसद पर टिकी हैं।
Published on:
05 Aug 2025 12:15 pm