Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Jharkhand Election: आधी आबादी पर पूरा दांव, महिला मतदाता हो सकती हैं गेम चेंजर 

Jharkhand Election: झारखंड भले ही आदिवासी बाहुल्य प्रदेश हो, लेकिन विधानसभा चुनाव में यहां सही मायनों में महिलाएं निर्णायक भूमिका में नजर आ रही हैं। प्रदेश में 49.31 फीसदी महिला मतदाता हैं। इसके साथ ही विधानसभा की 81 में से 32 सीटों पर महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक है। पढ़ें शादाब अहमद की स्पेशल स्टोरी...

2 min read
Google source verification

धनबाद

image

Ashib Khan

Nov 14, 2024

धनबाद (झारखंड). झारखंड भले ही आदिवासी बाहुल्य प्रदेश हो, लेकिन विधानसभा चुनाव में यहां सही मायनों में महिलाएं निर्णायक भूमिका में नजर आ रही हैं। प्रदेश में 49.31 फीसदी महिला मतदाता हैं। इसके साथ ही विधानसभा की 81 में से 32 सीटों पर महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक है। यही वजह है कि यहां सत्ताधारी इंडिया ब्लॉक के साथ विपक्षी एनडीए ने आधी आबादी पर पूरा दांव खेल दिया है। सोरेन सरकार की ओर से 18 से 50 साल आयु की महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपए देने वाली मंईयां योजना की चर्चा जमीन पर दिख रही है। इसके मुकाबले के लिए भाजपा ने गोगो दीदी योजना के तहत हर महीने 2100 रुपए देने के वादे के साथ रोटी, माटी और बेटी की रक्षा का नारा दिया है।

रोगजार के लिए कुछ करे सरकार

चुनावी माहौल देखने के लिए शुरुआत धनबाद जिले की तुंडी विधानसभा क्षेत्र से की। रास्ते में धान निकालने के लिए खेत में गोबर की लिपाई से बाडे को तैयार करने में कुछ महिलाएं जुटी हुईं थी। पूछने पर रूक्मणी कहने लगी, मंईयां योजना के तहत दो दिन पहले ही एक हजार रुपए खाते में आए हैं। यह तो ठीक है, लेकिन रोजगार के लिए सरकार को कुछ करना चाहिए। वहीं पडोस के खेत में काम कर रही पिहुल से मंईयां के रुपयों को पति को देने का सवाल किया तो उसने तपाक से कहा, ‘यह रुपए पति को क्यों दूं? यह मेरे खाते में आए हैं, इसलिए दिवाली पर मैंने अपने और बच्चों के कपड़ों और सामान खरीदने पर खर्च कर दिए। यहां से आगे बढ़ा तो तिलाबानी गांव में मैंने भाजपा के रोटी, माटी और बेटी की रक्षा वाला होर्डिंग दिखाते हुए बुजुर्ग ओमप्रकाश महतो से सवाल किए, जिस पर महतो कहने लगे कि इससे क्या होगा? हमें तो नियमित काम चाहिए। सरकार धान देकर अच्छा कर रही है।

भाजपा का एजेंडा केवल चुनावी फायदे के लिए

बोकारो के चास इलाके में हेल्थ वर्कर तमिया साहू कहने लगी कि एक हजार रुपए से क्या होगा? हम 2005 से संविदा पर कऐम कर रहे हैं। हेमंत सोरेन ने पक्की नौकरी का वादा किया था, लेकिन पांच साल में कुछ नहीं किया। अब मंईयां योजना की लॉलीपॉप दे रहे हैं। यहां से बस में बैठकर सिंदरी की ओर रवाना हुआ। बस में मेरे पास बैठे यात्री ताकू सोरेन ने भाजपा के एजेंडे पर कहा कि यह बस चुनाव में फायदे के लिए हैं। सच में ऐसा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि शहरी इलाकों में भाजपा का असर दिख रहा है, लेकिन गांवों में जेएमएम गठबंधन का असर है।

महिलाओं के बीच जा रही कल्पना सोरे

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने सियासत में कदम रखा। एमबीए कल्पना अब सबसे ज्यादा सभाएं करने वाली नेताओं में शुमार हो चुकी है। चुनाव से पहले उन्होंने करीब 70 सभाएं की। वहीं चुनाव के दौरान उनकी हर दिन करीब 3 से 4 सभाएं हो रही हैं। इस दौरान उनका फोकस महिलाओं पर रहता है। वे महिलाओं के मुद्दों को उठाने के साथ उनके बीच जाकर घुलमिल रही हैं। साथ ही केन्द्र सरकार और भाजपा पर जमकर हमला भी बोल रही हैं।

* सरमा ने संभाल रखी भाजपा की कमान

असम के मुख्यमंत्री हिमंता विस्व सरमा ने भाजपा की चुनावी कमान संभाल रखी है। वह घुसपैठियों की बात कर हिंदुत्व के एजेंडे को जमकर उठा रहे हैं। उनके अलावा गृह मंत्री अमित शाह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार रैलियां कर इस एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं।

-फेक्ट फाइल

कुल मतदाता-2.58 करोड़

पुरुष मतदाता-1.30 करोड़ (50.69 फीसदी)

महिला मतदाता-1.27 करोड़(49.31 फीसदी)