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आठ पन्नों का सुसाइड नोट लिख सरकारी टीचर ने खाया जहर, सहकर्मियों पर लगाए गंभीर आरोप

Haryana Crime: हरियाणा के नूंह जिले में राजकीय माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत जेबीटी शिक्षक जयपाल ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली।

Government Teacher Suicide: हरियाणा के नूंह जिले के खोरी खुर्द गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां राजकीय माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत जेबीटी शिक्षक जयपाल ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। घटना शनिवार दोपहर की है। पुलिस को मौके से आठ पन्नों का सुसाइड नोट मिला है, जिसमें शिक्षक ने अपने सहकर्मियों पर प्रताड़ना और आत्महत्या के लिए मजबूर करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और सुसाइड नोट के आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है।

सुसाइड नोट में क्या लिखा?

जयपाल ने अपने आठ पन्नों के सुसाइड नोट में स्कूल में व्याप्त अनियमितताओं को सुधारने की कोशिश करने पर बार-बार प्रताड़ित किए जाने का जिक्र किया। उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल के सीआरसी हेड जितेंद्र दलाल, प्रिंसिपल सुमन शर्मा, पीटीआई महेंद्र शर्मा और जांच टीम के रमे गेरा ने उन्हें झूठे आरोपों में फंसाने की धमकी दी और उनका दुष्प्रचार किया। नोट में जयपाल ने बताया कि एक शिक्षक ने शिकायत की जांच के दौरान उन्हें धमकाया, जबकि स्कूल स्टाफ ने गाली-गलौज और मारपीट की। विरोध करने पर वीडियो बनाने की धमकी भी दी गई।

मानसिक रूप किया परेशान

जयपाल ने लिखा कि स्कूल परिसर में पेड़ काटने और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर उनके और सहकर्मियों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। उन्होंने इन अनियमितताओं के खिलाफ जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग में शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बार-बार स्कूल से हटाकर दूसरे स्कूल में स्थानांतरित किए जाने से वे मानसिक रूप से टूट गए, जिसके चलते उन्होंने यह कठोर कदम उठाया।

पुलिस की कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही तावड़ू पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने बताया कि जयपाल, जो रेवाड़ी के माजरा गांव के निवासी थे, ने स्कूल परिसर में ही जहर खाया। हालत बिगड़ने पर उन्हें तावड़ू के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। पुलिस ने सुसाइड नोट में नामजद व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि आरोपों की गहनता से जांच की जाएगी और दोषियों पर उचित कार्रवाई होगी।

लंबे समय से चल रहा था विवाद

जयपाल और स्कूल के अन्य शिक्षकों के बीच पेड़ काटने और स्कूल की अन्य व्यवस्थाओं को लेकर तनाव था। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे। जयपाल ने सुसाइड नोट में दावा किया कि उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया गया, जिससे उनकी मानसिक स्थिति बिगड़ती गई।

परिवार और ग्रामीणों में गुस्सा

जयपाल की मौत के बाद उनके परिवार और गांव वालों में गहरा आक्रोश है। परिजनों ने स्कूल प्रशासन और नामजद शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि जयपाल एक ईमानदार और मेहनती शिक्षक थे, जिन्हें स्कूल की अनियमितताओं को उजागर करने की सजा दी गई।

सरकार से लें मदद

पुलिस और प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि यदि कोई मानसिक तनाव या आत्महत्या के विचारों से जूझ रहा है, तो वे तुरंत मदद लें। भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 या टेलिमानस हेल्पलाइन 1800914416 पर संपर्क करें। इन हेल्पलाइनों पर गोपनीयता के साथ विशेषज्ञों से परामर्श उपलब्ध है।

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