Amarnath Yatra: जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण श्री अमरनाथ यात्रा को बुधवार, 30 जुलाई 2025 को एक दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है। जम्मू-कश्मीर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने एक्स पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि पहलगाम और बालटाल बेस कैंप से यात्रा को फिलहाल रोका गया है। इसके अलावा, 31 जुलाई को जम्मू के भगवती नगर यात्रा शिविर से भी कोई यात्री जत्था रवाना नहीं होगा।
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के अनुसार, कश्मीर के संभागीय आयुक्त विजय कुमार बिधूड़ी ने बताया कि 30 जुलाई की सुबह से जारी भारी बारिश के कारण बालटाल और नुनवान/चंदनवाड़ी आधार शिविरों से यात्रा शुरू नहीं हो सकी। डिविजनल कमिश्नर जम्मू रमेश कुमार ने कहा कि खराब मौसम और यात्रा मार्गों पर भारी बारिश के चलते 31 जुलाई को भी जम्मू से किसी यात्री जत्थे को बालटाल या नुनवान की ओर नहीं भेजा जाएगा। श्रद्धालुओं को स्थिति की जानकारी समय-समय पर दी जाएगी। इस वर्ष अब तक 3.93 लाख से अधिक तीर्थयात्री पवित्र अमरनाथ गुफा में दर्शन कर चुके हैं।
अमरनाथ यात्रा दो मार्गों से पूरी की जाती है। पहलगाम मार्ग से जाने वाले तीर्थयात्री चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी से होकर 46 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हैं, जिसमें चार दिन लगते हैं। वहीं, बालटाल मार्ग 14 किलोमीटर का छोटा रास्ता है, जिसे एक ही दिन में पूरा कर आधार शिविर लौटा जा सकता है। इस वर्ष सुरक्षा कारणों से हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है।
प्रशासन ने यात्रा की सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। पहलगाम हमले के बाद, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 नागरिकों की हत्या की थी, सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया गया है। सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस की मौजूदा ताकत को बढ़ाने के लिए 180 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियां तैनात की गई हैं। जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से गुफा मंदिर तक पूरे मार्ग और सभी पारगमन शिविरों को सुरक्षा बलों ने सुरक्षित किया है।
श्री अमरनाथ यात्रा हिंदुओं की सबसे पवित्र तीर्थयात्राओं में से एक है। किंवदंती के अनुसार, भगवान शिव ने इस गुफा में माता पार्वती को शाश्वत जीवन और अमरता का रहस्य बताया था। यह यात्रा भक्तों के लिए आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
Published on:
30 Jul 2025 02:17 pm