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Money Heist से प्रेरित होकर 150 करोड़ की ठगी, पुलिस ने गिरोह का किया खुलासा; चीन से भी है कनेक्शन

दिल्ली पुलिस ने वेब सीरीज मनी हाइस्ट से प्रेरित होकर ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार किया है।

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दिल्ली पुलिस ने ऑनलाइन गिरोह का खुलासा किया

दिल्ली पुलिस ने ऑनलाइन गिरोह का खुलासा किया (Photo-AI)

दिल्ली पुलिस ने  वेब सीरीज मनी हाइस्ट से प्रेरित होकर ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा किया है। गैंग पर 150 करोड़ रुपये की ठगी करने का आरोप है। गिरोह के सदस्यों ने वेब सीराज के किरदारों पर अपना नाम रखा था। दिल्ली पुलिस के मुताबिक इस गैंग का राष्ट्रीय राजधानी में 23 करोड़ रुपये के डिजिटल अरेस्ट में हाथ था। 

दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए सदस्यों की पहचान अर्पित, प्रभात और अब्बास के रूप में हुई है। अर्पित अपने आप को ‘प्रोफेसर’, प्रभात ‘अमांडा’ और अब्बास ‘फ्रेडी’ कहता था। पुलिस ने बताया कि उन्होंने इन नामों का इस्तेमाल वेब सीरीज से प्रेरित होकर किया था और अपनी पहचान छिपाने के लिए भी ऐसा किया था।

दरअसल, गैंग के सदस्यों ने लोगों को सोशल मीडिय पर शेयर बाजार में निवेश से अच्छा रिटर्न दिलाने का वादा करके ठगा था। उन्होंने सोशल मीडिया पर कई ग्रुप बना रखे थे, जहां पर उन्होंने लोगों को शेयर बाजार में निवेश पर उच्च रिटर्न का वादा करके लुभाया।

कैसे की ठगी

यह गैंग सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर बाजार की सलाह और सुझाव देते थे। साथ ही कहते कि यदि अगर लोग उनके जरिए निवेश करते हैं तो उन्हें बेहतरीन रिटर्न दिया जाएगा। 

हालांकि शुरुआत में ये लोग थोड़ा-बहुत मुनाफा दिखाकर वे लोगों का विश्वास जीत लेते थे। लेकिन जैसे ही कोई बड़ी रकम निवेश के लिए डालता, उनका अकाउंट ब्लॉक कर दिया जाता।

वहीं जिन लोगों ने अपना पैसा निकालने की कोशिश की उन्हें ठगा गया और पैसे जमा करने के लिए भी धमकाया गया। इस तरह गैंग ने लोगों के साथ ठगी की। 

पुलिस ने बरामद की सामग्री

गैंग के सदस्यों के पास से पुलिस ने 11 मोबाइल फोन, 17 सिम कार्ड, 12 बैंक पासबुक और चेकबुक, 32 डेबिट कार्ड और कई ऑनलाइन लेनदेन और व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट बरामद किए हैं। पुलिस ने जाँच के सिलसिले में उत्तर प्रदेश के नोएडा और पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में कई जगहों पर छापेमारी की।

लग्जरी होटल में रुकते थे सदस्य

मामले में पुलिस ने बताया कि गैंग के सदस्य अक्सर लग्जरी होटलों में रुकते थे और वहीं से मोबाइल फोन और लैपटॉप का इस्तेमाल करके ठगी को अंजाम देते थे। 

क्या है चीन कनेक्शन

बताया जा रहा है कि गिरोह के तार नोएडा और गुवाहटी तक फैले हुए थे। इस धोखाधड़ी में कुछ चीनी संदिग्ध भी शामिल थे। साइबर धोखाधड़ी में चीनी धोखेबाजों के एक नेटवर्क की भूमिका है, जो अपने देश से यह काम चला रहा है।