India e-governance services 2025: भारत में नागरिकों को डिजिटल सेवाओं के माध्यम से सुविधाएं देने के अभियान को बड़ी कामयाबी मिली है। केंद्र सरकार के अनुसार, देश में अब 22,000 से ज्यादा ई-सेवाएं उपलब्ध हैं, जो नेशनल ई-गवर्नेंस सर्विस (India e-governance services 2025)डिलीवरी असेसमेंट (NeSDA framework public services) के अंतर्गत दर्ज की गई हैं। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के अधीन काम कर रहे प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (DARPG digital India initiatives) ने यह जानकारी दी है। इस संबंध में शनिवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें आठ राज्यों के सेवा का अधिकार (RTS) आयुक्त शामिल हुए।
बैठक की अध्यक्षता डीएआरपीजी के सचिव वी. श्रीनिवास ने की। उन्होंने बताया कि जिन राज्यों में RTS आयोग स्थापित हैं, वहां ई-सेवाओं की संख्या में काफी वृद्धि देखी गई है।
श्रीनिवास ने बताया कि अब राज्यों के शिकायत पोर्टल को केंद्र के CPGRAMS पोर्टल से जोड़ा जा रहा है, जिससे रीयल-टाइम डेटा साझा किया जा सकेगा। इससे निगरानी और शिकायत निवारण दोनों में पारदर्शिता और गति बढ़ेगी।
बैठक में तय किया गया कि भूमि, श्रम, वित्त और पर्यावरण जैसे अहम क्षेत्रों में ई-सेवाएं और तेज़ी से बढ़ाई जाएंगी। यह कदम "जीवन में सुगमता" और "कारोबार में सहूलियत" को बढ़ावा देने के लिए उठाया जा रहा है। राष्ट्रीय सूचना केंद्र (NIC) की ओर से तैयार AAKLAN बेंचमार्किंग टूल के माध्ययम से अब इन सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच का मूल्यांकन भी किया जाएगा।
बैठक में राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (NCGG) के महानिदेशक सुरेंद्रकुमार बागड़े ने बताया कि आने वाले 9 महीनों में RTS आयोगों के प्रभाव पर एक व्यापक अध्ययन किया जाएगा। इससे यह जाना जाएगा कि नागरिकों तक सेवाएं कितनी प्रभावी तरीके से पहुंच रही हैं।
सरकार की यह पूरी पहल ई-गवर्नेंस को मजबूती देने और पब्लिक सर्विस डिलीवरी को पारदर्शी, तेज़ और जवाबदेह बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। इससे न केवल नागरिकों को सुविधा मिलेगी, बल्कि शासन की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
Updated on:
09 Aug 2025 07:48 pm
Published on:
09 Aug 2025 07:47 pm