भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बिहार, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, और पूर्वोत्तर भारत के कई राज्यों में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग के ताजा अपडेट के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक देश के उत्तरी और पूर्वोत्तर हिस्सों में मॉनसून की सक्रियता के कारण भारी बारिश और बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं।
IMD के अनुसार, बिहार में अगले पांच दिनों तक भारी बारिश का दौर जारी रहेगा। विशेष रूप से पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, गोपालगंज, और सिवान जैसे जिलों में अति भारी बारिश की संभावना है। इन क्षेत्रों में 30-40 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलने और बिजली गिरने का भी खतरा है। कई नदियां, जैसे गंडक, कोसी, महानंदा, और अधवारा, खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। स्थानीय प्रशासन को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।
उत्तर प्रदेश के कई जिलों, जैसे बांदा, चित्रकूट, सोनभद्र, मिर्जापुर, और सहारनपुर में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी भारी बारिश के कारण भूस्खलन और सड़क बंद होने की आशंका जताई गई है। पूर्वोत्तर राज्यों, जैसे असम, मेघालय, और सिक्किम में रेड अलर्ट जारी किया गया है, जहां अति भारी बारिश की संभावना है।
दिल्ली-एनसीआर में भी अगले कुछ दिनों तक हल्की बारिश के साथ गरज और बिजली की संभावना है। हालांकि, यहां भारी बारिश की तीव्रता अन्य राज्यों की तुलना में कम रहेगी।
IMD के अनुसार, मॉनसून उत्तर की ओर बढ़ रहा है, जिससे बिहार और उत्तर भारत में बारिश की गतिविधियां बढ़ेंगी। निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, इस साल जून और जुलाई में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है, जो पिछले 12 वर्षों में पहली बार हुआ है।
गुना और शिवपुरी सहित मध्य प्रदेश के कई जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। राहत और बचाव टीमें तैनात की गई हैं, जिसमें गुना और शिवपुरी सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
उत्तर प्रदेश के औरैया, वाराणसी, प्रयागराज समेत 21 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। गंगा नदी वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर और बलिया में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि यमुना नदी औरैया, कालपी, हमीरपुर, प्रयागराज और बांदा में लाल निशान से ऊपर है। बेतवा नदी भी हमीरपुर में खतरे के निशान को पार कर चुकी है। प्रयागराज में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण गंगा और यमुना का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे जिले के 200 से ज्यादा गांव और शहर की करीब 60 बस्तियां बाढ़ की चपेट में हैं।
Published on:
06 Aug 2025 09:13 am