होली पर घर जाना है, ट्रेन में सीट नहीं है। रेलवे ने कई स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं, फिर भी कन्फ़र्म टिकट नहीं मिल रहा! मिलेगा भी कैसे! नॉन एसी डिब्बे में जाने वालों के लिए समस्या ज्यादा गंभीर है। इसकी वजह यह है कि यात्री बढ़ गए एक करोड़ से भी ज्यादा और ट्रेनों में सीटें पांच लाख भी नहीं बढ़ पाई हैं। एसी डिब्बे की भी बात करें तो इनमें सफर करने वालों की संख्या छह साल में 18 से 38 करोड़ हो गई है। इस तुलना में सीटों की संख्या नगण्य बढ़ी है। जबकि रेलवे के नए अर्थशास्त्र से संकेत मिलता है कि वह चाहता है कि ज्यादा लोग एसी में सफर करें।
रेलवे को एसी3 टायर में सफर करने वाले यात्रियों से ज्यादा कमाई हो रही है। 2019-20 में एसी3 टायर से 11 करोड़ (कुल यात्रियों का 1.4 प्रतिशत) लोगों ने यात्रा की थी। 2024-25 में इनकी संख्या 26 करोड़ (कुल यात्रियों का 3.5 प्रतिशत) रही। इस दौरान एसी3 टायर से रेलवे का राजस्व 12,370 करोड़ रुपए से बढ़ कर 30,089 करोड़ हो गया। मतलब केवल दो प्रतिशत यात्रियों के बढ़ने से राजस्व करीब ढाई गुना बढ़ गया।
वहीं, 2019-20 में स्लीपर क्लास के 37 करोड़ यात्रियों (4.6 प्रतिशत) से रेलवे को 13641 करोड़ रुपए का राजस्व (27 प्रतिशत) मिला था, जबकि 2024-25 में स्लीपर के 38 करोड़ (5.25 प्रतिशत) यात्रियों से 15,603 करोड़ रुपए (19.5 प्रतिशत) का ही राजस्व मिला।
वित्त वर्ष | यात्री | राजस्व (करोड़ रु.) |
2020 | 11.34 | 12,370 |
2021 | 3.24 | 4,750 |
2022 | 10.31 | 12,225 |
2023 | 18.03 | 21,345 |
2024 | 21.10 | 25,015 |
2025 | 25.97 | 30,089 |
ऐसा लगता है कि रेलवे एसी यात्रियों की संख्या बढ़ाने पर ज़ोर दे रहा है। सामान्य तौर पर 22 बोगी वाले ट्रेन में 12 कोच जनरल व स्लीपर क्लास के (नॉन एसी) और आठ एसी कोच लगाए जाते हैं। लेकिन कई ट्रेनों में जनरल डिब्बे हटा कर एसी कोच लगाए जाते रहे हैं। वंदे भारत ट्रेनें ताबड़तोड़ लॉंच की जा रही हैं। अकेले 2024 में 46 (अब तक 136) वंदे भारत चलाई गईं, जबकि अमृत भारत एक्सप्रेस (पूरी नॉन एसी) चार रूट पर ही शुरू की गई।
एसी3-टायर का औसत किराया भी अन्य क्लास की तुलना में कम बढ़ा है। 2019-20 की तुलना में 2024-25 में एसी3 टायर का किराया प्रति यात्री 7.4 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि एसी फ़र्स्ट क्लास के लिए यह बढ़ोतरी 25.38 प्रतिशत, एसी चेयर कार के लिए 23.24 प्रतिशत और एसी2 टायर के लिए 18.22 प्रतिशत रही। स्लीपर क्लास के मामले में यह आंकड़ा 10.64 फीसदी रहा।
…लेकिन छह साल में 5 लाख नॉन एसी सीटें भी नहीं बढ़ा पाई सरकार
2019-20 से 2024-25 के बीच स्लीपर में यात्रा करने वालों की संख्या एक करोड़ बढ़ गई। रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव के मुताबिक 2019-20 से 2023-24 के बीच 6511 नए जनरल डब्बे जोड़े गए। एक डिब्बे में 72 सीट के हिसाब से देखें तो केवल 4,68,792 सीटें ही बढ़ पाईं। कुल मिला कर भी देखें तो पांच साल में सरकार ने 772 नई ट्रेनें चलाई हैं। इनमें लोकल, लंबी दूरी की, वंदे भारत आदि सभी ट्रेनें शामिल हैं। यानि, एसी यात्रियों के लिए भी सीटों की गंभीर किल्लत बनी हुई है।
Updated on:
11 Mar 2025 08:34 am
Published on:
11 Mar 2025 07:42 am