गुजरात सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 'एक्शन प्लान फॉर इम्प्लीमेंटेशन ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस 2025-2030' को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस महत्वाकांक्षी योजना को हरी झंडी दिखाई, जिसका उद्देश्य AI के माध्यम से सरकारी कामकाज को स्मार्ट, नागरिक-केंद्रित योजनाओं को प्रभावी और सेवा वितरण को तेज करना है। यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल सशक्तिकरण और तकनीकी नेतृत्व के विजन 'विकसित भारत' को बढ़ावा देना है।
10-सदस्यीय AI टास्कफोर्स की सिफारिशों पर तैयार इस रोडमैप में छह प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है जिनमे डेटा सुरक्षा, डिजिटल अवसंरचना, क्षमता निर्माण, अनुसंधान और विकास, स्टार्टअप सहायता, और सुरक्षित व भरोसेमंद AI शामिल है। इसके तहत राज्य-स्तरीय AI डेटा रिपॉजिटरी, 'AI फैक्ट्रियां', और विभाग-विशिष्ट पायलट प्रोजेक्ट्स शुरू किए जाएंगे। साथ ही, 'AI और डीप टेक मिशन' की स्थापना की जाएगी, जो AI रणनीतियों और उभरती तकनीकों को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
गुजरात ने पहले ही AI के क्षेत्र में कई नवाचार किए हैं। GIFT सिटी में AI सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना, AI इनोवेशन चैलेंज, हाई-परफॉर्मेंस GPU इन्फ्रास्ट्रक्चर, और भारतीय भाषाओं पर आधारित लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स (LLMs) के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट जैसे कदम इस दिशा में उठाए गए हैं। इसके अलावा, 2.5 लाख लोगों को AI प्रशिक्षण देने की योजना भी इस रोडमैप का हिस्सा है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने नवंबर 2024 में सोमनाथ में आयोजित 'चिंतन शिविर' में घोषणा की थी कि गुजरात AI को अपने प्रशासनिक ढांचे और सरकारी विभागों में व्यापक रूप से अपनाएगा। यह कार्य योजना गुजरात को AI-संचालित, भविष्य के लिए तैयार अर्थव्यवस्था बनाने और 'विकसित गुजरात @2047' के लक्ष्य को साकार करने में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
Published on:
28 Jul 2025 08:28 am