Mahbooba Mufti, PDP: पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर पंडितों का विस्थापन मुस्लिम समुदाय पर एक धब्बा है। उन्होंने मुसलमानों के राजनीतिक सशक्तिकरण की अपील की। महबूबा मुफ़्ती ने श्रीनगर में राजभवन में सोमवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Lt Governor Manoj Sinha) से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में यह बात कही। पिछले पांच सालों में यह पहला मौका था जब उन्हें उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मुलाकात के लिए बुलाया गया।
महबूबा ने उपराज्यपाल को कश्मीरी पंडितों को उनके मूल स्थानों पर वापसी और पुनर्वास के लिए एक रोडमैप बनाकर दिया। मुफ्ती ने स्थानीय पंडित समुदाय के घाटी से पलायन को ‘कश्मीर और कश्मीरी मुसलमानों पर एक धब्बा’ बताया। मीडिया कॉन्फ्रेंस के दौरान पीडीपी अध्यक्ष ने कश्मीरी पंडितों के राजनीतिक सशक्तिकरण की बात कही।
उन्होंने कहा, "कश्मीरी पंडितों को राजनीतिक रूप से सशक्त बनाने की जरूरत है, जिसके लिए उनके लिए आरक्षण सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इस तरह, हम वास्तविक एकीकरण सुनिश्चित कर सकते हैं। मैंने उपराज्यपाल से कहा कि वे केंद्र से कहें कि वे कश्मीरी पंडितों के लिए नामांकन के बजाय आरक्षण सुनिश्चित करें।"
उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों की वापसी समुदाय को सशक्त बनाए बिना संभव नहीं हो सकती और अब समय आ गया है कि घाटी से पलायन के कारण कश्मीरी मुसलमानों पर लगे दाग को मिटाने के लिए मिलकर काम किया जाए। मुफ़्ती का यह बयान गंदेरबल जिले में आयोजित होने वाले खीर भवानी मेले से एक दिन पहले आया है। देश-विदेश से हज़ारों कश्मीरी पंडित 3 जून को 'जेठ अष्टमी' मनाने के लिए मंदिर में एकत्र होंगे। गौरतलब है कि 90 के दशक के प्रारंभ में जब कश्मीर की घाटियों में आतंक का दबदबा था तब पंडित समुदाय को कश्मीर से भागने पर मजबूर होना पड़ा था।
यह पूछे जाने पर कि क्या निर्वाचित जम्मू-कश्मीर सरकार शक्तिहीन है? उन्होंने इस सवाल के जवाब में कहा कि उमर अब्दुल्ला स्वयं निर्वाचित सरकार को कमजोर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने वक्फ संशोधन अधिनियम पर चर्चा करने के बजाय केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू का ट्यूलिप गार्डन में स्वागत करना पसंद किया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीडीपी प्रमुख ने अमरनाथ यात्रा के सफल आयोजन के बारे में भी बात की। उन्होंने मांग की कि यात्रा की ज़िम्मेदारियों को साझा करने में ज़्यादा से ज़्यादा स्थानीय लोगों को शामिल किया जाना चाहिए। मुफ्ती ने कहा कि उन्होंने एलजी से मुलाकात के दौरान इस पर चर्चा की और इस प्रक्रिया में स्थानीय लोगों को भी शामिल करने की मांग की। उन्होंने बिना किसी गंभीर आरोप वाले कश्मीरी कैदियों को रिहा करने की भी मांग की। उन्होंने कहा, "मैंने यह भी मांग की कि ईद के मद्देनजर जिन लोगों पर कोई गंभीर आरोप नहीं हैं, उन्हें रिहा किया जाना चाहिए और देश की विभिन्न जेलों में बंद लोगों को वापस लाया जाना चाहिए।"
Published on:
02 Jun 2025 05:17 pm